CII के सहयोग से MSME सेक्टर को मिली उड़ान, ODOP ने फूंकी UP के परंपरागत उद्योगों में जान

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के मेगा प्रोजेक्ट ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ODOP) ने प्रदेश में दम तोड़ रहे परंपरागत उद्योगों में जान फूंक दी है. इस योजना के माध्यम से सभी 75 जिलों के अलग-अलग उत्पादों को नई पहचान दी गई है. कोरोना संकट काल में भी यह योजना रोजगार के अवसर सृजन कर रही है. इस योजना को CII का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. CII लगातार ई-बिजनेस को बढ़ाया देने के लिए प्रयासरत है.


सीआईआई 29 मई को ई-कॉमर्स पर एक वर्चुअल सम्मेलन भी करने जा रही है, जिसमे प्रभावशाली तरीके से व्यापार को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी. इस सम्मेलन में  सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह (Sidharth Nath Singh)  और प्रमुख सचिव एमएसएसई डॉ नवनीत सहगल (Navneet Sehgal) शामिल होंगे.


एक जिला, एक उत्पाद को लेकर योगी सरकार की मंशा रंग लाने लगी है. प्रदेश सरकार इससे जुड़ी सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स (common facility centers) स्थापित कर रही है, जिसके जरिए एक ही छत के नीचे टेस्टिंग लैब, डिजाइन डेवलमेंट सेंटर, कच्चा माल, कॉमन प्रोडक्शन सेंटर, लॉजिस्टिक, पैकेजिंग, लेवलिंग और बारकोडिंग जैसी सुविधाएं मिलने से इससे जुड़े लोगों की आय में 25 से 50 फीसदी सेवा से डेढ़ गुना तक की वृद्धि होगी. कहा जा रहा है कि ट्रेनिंग की वजह से गुणवत्ता और दाम में उत्पाद प्रतिस्पद्र्धी बनेंगे. इससे और लोग भी अपनी परंपरा को समृद्ध करने के लिए आगे आएंगे.


प्रमुख सचिव एमएसएसई डॉ नवनीत सहगल ने बुधवार को कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स की समीक्षा की.  उन्होंने बताया कि जिन जिलों में सीएफसी भवन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, वहां तत्काल मशीनों/उपकरणों के टेण्डर प्रक्रिया शुरू कर दी जाए. वर्चुअल माध्यम से 29 जिलों में स्थापित हो रहे 39 सीएफसी की समीक्षा करते हुए उन्होंने सीएम योगी की इस महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि 15 सीएफसी कार्यान्वयन चरण में हैं, इनमें से सात प्रोजेक्ट में कार्य शुरू हो चुका है, जबकि शेष आठ प्रोजेक्ट टेण्डर व मैप अप्रूवल की अंतिम स्थति में है. इसके अतिरिक्त 07 प्रोजेक्ट के लिए सेंक्शन लेटर जल्द निर्गत कर दिया जायेगा. उन्होंने निर्देश दिए अन्य 06 प्रोजेक्ट को अंतिम निर्णय हेतु एसएलसी की मीटिंग में प्रस्तुत किया जाय. उन्होंने यह भी कहा कि छः प्रोजेक्ट पर सैद्धांतिक सहमति के लिए प्राप्त हो चुके है. शेष बचे 11 प्रोजेक्ट पर अंतिम अपू्रवल प्राप्त करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए. अगले माह तक सभी 39 सीएफसी का कार्य शुरू हो जाना चाहिए.


सिद्धार्थनगर और मुरादाबाद में हो रहे स्थापित

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सीएफसी योजना के तहत जनपद सिद्धार्थनगर में 6.96 करोड़ की लागत से राइस प्रोसेस मिल तथा कालानमक चावल के वेयअरहाउस की स्थापना कराई जा रही है. मुरादाबाद में 9.96 करोड़ रुपये की लागत से फिजिकल वेपर डिस्पोसीजन सीएफसी स्थापित होगी. सीतापुर में 2.25 करोड़ रुपये की लागत से डिजाइन एण्ड सैम्पलिंग फैसेलिटी, एक्जीविशन एवं सेलिंग सेंटर, ट्रेडिंग इंस्टीट्यूट तथा कामन प्रोडेक्शन सेंटर की स्थापना होगी. इनके अलावा आगरा में 13.18 करोड़ रुपये से लेदर गुड्स ट्रेनिंग सेंटर तथा प्रोडेक्ट डेवलेपमेंट एवं कामन प्रोडेक्शन सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है. सम्भल में 9.91 करोड़ रुपये की लागत से बटन प्रोसेसिंग यूनिट, लकड़ी मसाला संयंत्र तथा एन्सेलरी प्लांट की स्थापना होगी.


सहारनपुर में लड़की उद्योग को बढ़ावा

डा0 सहगल ने बतया कि इसी प्रकार सहारनपुर में 9.90 करोड़ की लागत से केमिकल ट्रीटमेंट प्लांट, वुड सिजोनिंग प्लांट तथा कटिंग मशीन के लिए सीएफसी स्थापित कराई जा रही है. आजमगढ़ में 1.81 करोड़ रुपये से ब्लैक पाटरी के लिए नई तकनीक पर आधारित मशीन स्थापित होगी, अम्बेडकर नगर में 4.50 करोड़ रुपये राॅ-मटेरियल बैंक तथा काॅमन प्रोसेसिंग सेंटर से संबंधित सीएफसी का निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि इनके अतिरिक्त उन्नाव में 3.15 करोड़ रुपये, मुरादाबाद में 19.52 करोड़ रुपये की लागत से दो सीएफसी की स्थापना होगी. वाराणसी में 9.74 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाली सीएफसी में आटोमेटेड स्क्रीन प्रिंटिंग तथा डिजिटल प्रिंटिंग की सुविधा उपलब्ध होगी. इसी प्रकार लखनऊ में 3.88 करोड़ रुपये से तैयार हो रही सीएफसी में राॅ-मटेरियल बैंक एवं कामन प्रोसेसिंग सेंटर होगा.


इन जिलों में भी स्थापित हो रही सीएफसी

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बरेली में 6.82 करोड़ रुपये, भदोही में 8.68 करोड़ रुपये, गाजियाबाद में 14.88 करोड़ रुपये मैनपुरी में 1.00 करोड़ रुपये, मऊ में 6.84 करोड़ रुपये, मिर्जापुर में 7.58 करोड़ रुपये, मुजफ्फरनगर में 5.10 करोड़ रुपये तथा बिजनौर में 9.96 करोड़ रुपये की लागत से ओडीओपी उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए सीएफसी की स्थापना कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि यह 22 सीएफसी अंडर इम्पलीमेंटेशन है. इनके अलावा 17 अन्य सीएफसी के स्थापना संबंधी कार्यवाही तीव्र गति से चल रही है. शीघ्र ही इन पर भी कार्य शुरू हो जायेगा. डा0 सहगल ने जनपदीय अधिकारियों को निर्देश भी दिये कि सीएफसी स्थापना से जुड़े उद्यमियों की हर सम्भव मदद की जाए. जिन जनपदों में एसपीवी कागजी कार्यवाही पूर्ण करने में विलम्ब कर रही है, उनके साथ बैठकर आवश्यक दस्तावेजों को यथाशीघ्र पूरा कराया जाए.


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