उत्तर प्रदेश में बढ़ते न्यायिक कार्य को देखते हुए जल्द ही 5000 नोटरी अधिवक्ताओं की भर्ती होने जा रही है. इसके लिए केन्द्र सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गयी है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है. अब राज्य में नोटरी अधिवक्ताओं की लम्बे अरसे से चली आ रही कमी भी पूरी हो सकेगी.
प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) बीते 3 सालों से राज्य में नोटरी अधिवक्ताओं के पदों की बढ़ोत्तरी के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने बार-बार केन्द्रीय कानून मंत्री तथा कानून मंत्रालय के उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर राज्य का पक्ष रखा और नोटरियों के कम पद होने के कारण उत्पन्न कठिनाइयों से अवगत कराया. उनके मार्गदर्शन में प्रदेश का न्याय विभाग भी लगातार भारत सरकार से पत्राचार करता रहा. ब्रजेश पाठक ने व्यक्तिगत आग्रह करके केन्द्रीय कानून मंत्री की अध्यक्षता में न्याय विभाग के केन्द्रीय व राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया. पाठक के इन सब प्रयासों से अन्ततः केन्द्र सरकार ने सहमत होते हुए उत्तर प्रदेश को 5000 नोटरी के अतिरिक्त पद आवंटित करते हुए दिनांक 18.10.2021 को अधिसूचना जारी कर दी. इन पदों में से आधे राज्य सरकार एवं आधे केन्द्र सरकार द्वारा भरे जायेंगे.
मालूम हो कि अभी तक उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में नोटरी के कुल 2625 पद ही थे, जिस कारण से वादकारियों तथा आम जनता को तमाम प्रकार की विधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था. विगत 03 वर्ष पूर्व जब मामला राज्य के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के सामने आया तो उन्होंने उसी दिन से इस समस्या के समाधान का प्रयास शुरू कर दिया था. केन्द्रीय कानून मंत्री से बार बार मुलाकात तथा बैठकें करके एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के उच्चाधिकारियों के समक्ष स्वयं व अपने विभागीय अधिकारियों के माध्यम से सरकार का लगातार पक्ष रखते रहे. जिसका परिणाम यह रहा है कि भारत सरकार ने राज्य सरकार के पक्ष से सहमत होते हुए प्रदेश को 5000 अतिरिक्त नोटरी के पद आवंटित कर दिए. यहॉं यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि ब्रजेश पाठक के अनवरत प्रयासों से ही यह सम्भव हो सका. इससे जहॉं एक तरफ प्रतीक्षारत तमाम अधिवक्ताओं के लिए व्यापक अवसर उत्पन्न हुआ है तो दूसरी ओर आम जनता और वादकारियों को होने वाली कठिनाईयों का समाधान हो सकेगा.
इसके अलावा यूपी में नोटरी अधिवक्ताओं की लम्बे अरसे से चली आ रही कमी भी पूरी हो सकेगी क्योंकि राज्य में सबसे बड़ी जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ ही बड़ी संख्या में नयें न्यायालयों का गठन भी किया गया है. इसके अतिरिक्त नये न्यायाधीशों के पदों का भी सृजन किया गया है. नयी तहसीलें भी बड़ी संख्या में बढ़ी हैं. नये पदों के सृजन में 610 पद सिविल जज जूनियर डिवीजन, 100 पद सिविल जज सीनियर डिवीजन, 100 पद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्तर के, 110 नयी पारिवारिक अदालतें, 218 नये फास्ट ट्रैक पॉक्सो कोर्ट, 100 कोर्ट फास्ट ट्रैक महिलाओं के लिए, 13 नयें कामर्शियल कोर्ट व सभी जनपदों में मोटर एक्सीडेन्ट ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई. जिसमें नोटरी अधिवक्ताअें की काफी कमी हो गयी थी.
एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिवक्ताओं, जो नियुक्त होने हैं, उन्हें कम से कम 30 हजार रूपये मासिक लाभ होने वाला है, इसके अतिरिक्त इन पांच हजार नोटरी अधिवक्ता नियुक्त होने से अप्रत्यक्ष रूप से 5 हजार अतिरिक्त सहायकों के रोजगार के अवसर मिलेंगे. बुधवार को कानून मंत्री ने अपने कार्यालय कक्ष में न्याय विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर उन्हें निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा आवंटित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाये. उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि इसमें कोई लापरवाही न होने पाये.
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