आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के प्रयास में भारत ने एक व्यापक कूटनीतिक अभियान छेड़ दिया है। इस पहल के तहत भारत की सात सर्वदलीय राजनयिक टीमें दुनियाभर के विभिन्न देशों में जाकर पाकिस्तान की आतंकवाद से जुड़ी भूमिका को उजागर कर रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र में चीन पर शशि थरूर का तीखा प्रहार
कांग्रेस (Congress) सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बीजिंग की आलोचना करते हुए कहा कि वह आतंकवादी समूहों, विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा समर्थित ‘प्रतिरोध मोर्चा’ (आरएफ) के बचाव में लगातार अड़ंगा डालता रहा है।
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प्रतिबंध समिति में नाम हटवाने का आरोप पाकिस्तान पर
थरूर ने पाकिस्तान और चीन की मिलीभगत पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘जब भारत ने सुरक्षा परिषद के प्रेस वक्तव्य में ‘प्रतिरोध मोर्चे’ का उल्लेख करवाने का प्रयास किया, तो पाकिस्तान ने अपने दोस्त चीन के सहयोग से उसका नाम हटवा दिया।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत और ब्राजील को सुरक्षा परिषद में एक साथ होना चाहिए ताकि इस तरह की रणनीति को रोका जा सके।
भू-राजनीतिक गठबंधनों से भारत की चुनौतियां बढ़ीं
थरूर ने ब्राजील के पूर्व विदेश मंत्री सेल्सो अमोरिम के साथ हुई बातचीत में बताया कि सुरक्षा परिषद में मौजूद शक्तिशाली देशों के भू-राजनीतिक गठबंधन आतंकवाद के खिलाफ भारत की कोशिशों में बड़ी बाधा हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को इन चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।
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आईएमएफ बेलआउट पर पाकिस्तान को थरूर की दो टूक
ब्रासीलिया में थरूर ने पाकिस्तान को दिए गए IMF बेलआउट पैकेज को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘अगर यह फंड वास्तव में गरीबी उन्मूलन या विकास के लिए उपयोग होता, तो हमें कोई आपत्ति नहीं होती। लेकिन यदि इसका उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने या भारत के खिलाफ सैन्य तैयारी में किया जाता है, तो यह चिंताजनक है।’
पैसे के उपयोग पर निगरानी की मांग
थरूर ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं IMF और वर्ल्ड बैंक से अपील की कि वे इस बात की सख्त निगरानी करें कि पाकिस्तान को दिए गए फंड का उपयोग केवल विकासात्मक उद्देश्यों के लिए हो। उन्होंने कहा, ‘भारत का इन संस्थाओं में प्रभाव है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी फंड आतंकवाद को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से बढ़ावा देने में न लगे।’
मानवतावादी सोच के बावजूद भारत सतर्क
थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत किसी देश की प्रगति से ईर्ष्या नहीं करता और मानवीय मूल्यों में विश्वास करता है। लेकिन साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की सैन्य और आतंकवादी गतिविधियों को फंडिंग देना विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।