कानपुर हिंसा (Kanpur violence) के मामले में पुलिस ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ कानपुर हिंसा के मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या 54 हो गई है। गिरफ्तार पीएफआई कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उपद्रवियों को संगठित किया था और ये लोग हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के संपर्क में थे।
कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने बताया कि पीएफआई से संबद्ध इन तीनों की पहचान 2019 में की गई थी और 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। उन्होंने बताया कि उनकी पहचान सैफुल्ला, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद उमर के रूप में हुई है।
गौरतलब है कि 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के कुछ इलाकों में हिंसा भड़क गई थी। दरअसल, एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक बयान दे दिया था, जिसके विरोध में दुकानों को बंद करने के प्रयासों में ईंट-पत्थर और बम फेंके थे। करीब एक दर्जन से अधिक संदिग्ध अभी भी पुलिस हिरासत में हैं और उनकी भूमिका का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ की जा रही है।
कानपुर हिंसा के तुरंत बाद एडीजी कानून और व्यवस्था प्रशांत कुमार और पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा सहित शीर्ष अधिकारियों ने अपने अधीनस्थों से हिंसा में शामिल लोगो की संपत्तियों को जब्त करने या बुलडोजर चलाने के लिए कहा था। मुख्य जांच अधिकारी (अपर पुलिस आयुक्त कर्नलगंज) तिरपुरारी पांडे ने पत्रकारों को बताया एसआईटी पहले से ही घटना की जांच कर रही है। उन्होंने चश्मदीदों और पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किए हैं और उन्हें अपनी केस डायरी में नोट कर लिया है।
उन्होंने कहा कि हम फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से सभी सबूत एकत्र कर रहे हैं। मंगलवार को गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मतिउल्लाह उर्फ मत्ती, अजीजुर-रहमान, मोहम्मद आमिर, सरफराज, मोहम्मद फरहाद, अरशद उर्फ बबलू, शहंशाह उर्फ नैयर, सकलैन, सनी, शमीम, मोहम्मद सरताज और खलील के रूप में हुई है। वहीं, भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व जिला सचिव हर्षित श्रीवास्तव को भी मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था।
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