बस कुछ ही दिनों में गणपति का आगमन होने को है. जिसको लेकर अभी से लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हर कोई अपने घर और मंदिरों ने बड़ी ही धूमधाम से बप्पा का स्वागत करता है। गणेश चतुर्थी के दस दिन बाद गणपति का विसर्जन होता है। गणपति को घर में विराजित करने के वैसे तो कई नियम हैं, इनमे सबसे खास है मूर्ति की दिशा का ध्यान रखना। जी हां, गणेश चतुर्थी के दिन मूर्ति को सही दिशा में ही रखना चाहिए वरना इसका परिणाम काफी गलत हो सकता है। इसी के चलते आज हैं आपको मूर्ति स्थापित करने की सही दिशा बताने जा रहे हैं।
इस दिशा में भूलकर न रखें गणेशजी की मूर्ति
घर के दक्षिण दिशा में भूलकर भी गणपति भगवान की मूर्ति नहीं स्थापित करनी चाहिए। जिस दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति रख रहे हैं वहां कूड़ा-कचरा या फिर घर का टॉयलेट नहीं होना चाहिए।
यहां करें स्थापित
वास्तु शास्त्र में भगवान की मूर्ति रखने के लिए और उन्हें स्थापित करने के कुछ नियम बताए गए हैं, अगर उन नियमों का पालन कर लें तो घर में भगवान की कृपा बनी रहती है। वास्तु के मुताबिक भगवान गणेश की मूर्ति घर के उत्तर-पूर्व कोने यानी कि ईशान कोण में रखना उत्तम होता है।
गणेश जी की ऐसी मूर्ति रखना है शुभ
गणेशजी की मूर्ति रख रहे हैं तो प्लास्ट ऑफ पेरिस की मूर्ति की बजाय धातु, गोबर या फिर मिट्टी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। गणेश जी की मूर्ति में वो बैठे हुए होने चाहिए।
गणेश जी की मूर्ति की प्रतिमा में रखें इस बात का ध्यान
घर में गणपति जी की मूर्ति रखते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि
गणपति की सूंड़ दाईं तरफ होनी चाहिए बाईं तरफ नहीं।
गणेश जी की प्रतिमा ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए।
गणेश जी की मूर्ति में इस बात का ध्यान रखें कि साथ में उनकी
सवारी मूसक और उनका भोग लड्डू जरूर रहे
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