बदायूं (Badaun) में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bacchan) के दामाद और एस्कॉर्ट ट्रैक्टर कंपनी के मालिक निखिल नंदा (Nikhil Nanda) सहित नौ लोगों को कोर्ट ने राहत दी है। एजेंसी संचालक की आत्महत्या मामले (Suicide Case) में साक्ष्य की कमी के कारण कोर्ट ने आरोपियों को क्लीनचिट दे दी है। पुलिस जांच में यह पाया गया कि निखिल नंदा बदायूं में मौजूद नहीं थे और उनके यहां आने के कोई सबूत भी नहीं मिले। साथ ही ट्रैक्टर एजेंसी संचालक को धमकाने का कोई प्रमाण भी सामने नहीं आया। इस वजह से पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट (FIR) दायर कर मामले को बंद कर दिया है।
आत्महत्या मामले में दर्ज था मुकदमा
फरवरी में दातागंज कोतवाली में कोर्ट के आदेश पर निखिल नंदा और अन्य आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप था कि ट्रैक्टर कंपनी से जुड़े लोग एजेंसी संचालक जितेंद्र पर सेल बढ़ाने और उधारी की वसूली को लेकर दबाव बना रहे थे। तनाव में आकर जितेंद्र ने 22 नवंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी।
परिवार ने लगाए थे गंभीर आरोप
जितेंद्र के छोटे भाई ज्ञानेन्द्र ने कोर्ट में बताया था कि कंपनी से जुड़े नौ लोग उनके भाई को धमकाने के लिए एजेंसी पर आए थे। आरोप था कि उन्होंने बिक्री न बढ़ाने पर एजेंसी बंद करने और संपत्ति बेचने की धमकी दी थी। परिवार ने आरोप लगाया था कि इसी वजह से जितेंद्र ने आत्महत्या की।
जांच में नहीं मिले साक्ष्य
एसएचओ गौरव विश्नोई ने बताया कि पुलिस जांच में आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले। निखिल नंदा के बदायूं आने का भी कोई प्रमाण नहीं मिला। इसलिए सभी आरोपियों को दोषमुक्त मानते हुए पुलिस ने एफआर दर्ज कर मामले को बंद कर दिया है।
















































