समस्या का सवाल देश के किसी भी कोने से उठे लेकिन उत्तर देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश ही दे रहा है, जी हां! कर्नाटक और महाराष्ट्र में छिड़े लाउडस्पीकर और अजान विवाद की समस्या का समाधान यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने खोज निकाला है. यूपी में बिना किसी हो-हल्ला के बीते 3 दिन में धार्मिक स्थलों से करीब 22 हजार लाउडस्पीकर उतर चुके हैं, साथ ही तीव्र गति से बजने वाले 42 हजार लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी करने का काम किया गया है. बुलडोजर के बाद अब योगी का ‘लाउडस्पीकर मॉडल’ (Loudspeaker Model) हिट होता दिख रहा है. देशभर में सराहना मिल रही है, इस फेहरिस्त में राज ठाकरे भी शामिल हैं, मनसे प्रमुख योगी मॉडल के मुरीद हो गए.
यूपी में दंगाइयों, माफियाओं, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ पहले ही योगी का बुलडोजर गरज रहा है. देश में अन्य सरकारें भी इस मॉडल को अपनाती भी दिख रही हैं. अब इसी क्रम में योगी का नया ‘लाउडस्पीकर मॉडल’ सुर्खियां बटोरने लगा है. स्थिति ये है कि योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में मंदिरों से लेकर मस्जिदों तक पर लाउडस्पीकर को लेकर ताबड़तोड़ एक्शन चल रहा है. पूरे प्रदेश में यूपी सरकार अभियान चलाकर अवैध लाउडस्पीकर को उतरवा रही है और जो वैध हैं, वहां आवाज को नियंत्रित करवा रही है. कानून का इकबाल इतना बुलंद है कि लोग अपने आप ही लाउडस्पीकर उतारे दे रहे हैं, जो कि बेहद चर्चा का विषय बना हुआ है.
कैसे छिड़ा लाउडस्पीकर विवाद ?
दरअसल पिछले दिनों महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने इस मुद्दे को उछाला. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को 3 मई तक का अल्टीमेटम दे डाला कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए तो मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर से हनुमान चालिसा बजाया जाएगा. राज ठाकरे के इस ऐलान की आंच दूसरे राज्यों तक भी पहुंच गई. कई शहराें में हनुमान चालिसा बजाने के मामले सामने आने लगे. मामले में सियासत भी खूब होने लगी. महाराष्ट्र और केंद्र के बीच बयानबाजी के दौर शुरू हुए. देखते ही देखते लाउडस्पीकर विवाद उत्तर प्रदेश तक भी पहुंच गया, यहां भी कई जगह हनुमान चालिसा पढ़ने के मामले सामने आने लगे. बस यहीं से इस मुद्दे पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एंट्री ली. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में सीधे फरमान जारी कर दिया कि प्रदेश में अवैध लाउडस्पीकर नहीं बजेंगे, जो बजेंगे वो नियम का पालन करते हुए धीमी आवाज में. लाउडस्पीकर की आवाज कैंपस से बाहर नहीं जानी चाहिए.
इधर योगी का आदेश उधर ताबड़तो़ड़ कार्रवाई शूरू
योगी का फरमान आना था और पूरे प्रदेश में जिलों-जिलों में अभियान छिड़ गया. प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर प्रदेश भर में 30 अप्रैल तक अभियान चलाकर अवैध लाउडस्पीकर उतरवाने और वैध लाउडस्पीकर की आवाज नियमानुसार नियंत्रित करने को कहा. इसमें धर्मस्थलों में नियमों के पालन की साप्ताहिक समीक्षा जिला स्तर पर करने और पहली अनुपालन रिपोर्ट 30 अप्रैल तक शासन को भेजने को कहा गया है. आदेशों में कहा गया है कि जिलों की रिपोर्ट मंडलायुक्तों के माध्यम से और कमिश्नरेट की रिपोर्ट पुलिस आयुक्त के माध्यम से उत्तर प्रदेश शासन को भेजी जाएगी. यही नहीं इस अभियान में जनता का भी सहयोग लेने की बात है. कहा गया है कि इसके लिए धर्मगुरुओं से संवाद और समन्वय बनाया जाए, उनकी सहमति लेकर अवैध लाउडस्पीकरों को हटवाया जाए और जो वैध हैं, उनमें निर्धारित डेसिबल का पालन कराया जाए.
आस्था व्यक्तिगत विषय, सरकार का हस्तक्षेप नहीं
सीएम योगी ने सख्ती बरतने के साथ-साथ ये भी स्पष्ट किया कि आस्था व्यक्तिगत विषय है. सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है लेकिन इसका सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन कर दूसरों को परेशान न किया जाए, यह स्वीकार नहीं किया जाएगा. सीएम बुधवार देर शाम को प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आगामी तीन मई को अक्षय तृतीया और ईद का पर्व एक साथ संभावित है. पुलिस अधिकारियों की अतिरिक्त संवेदनशीलता अपेक्षित है.
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