टोक्यो पैरालंपिक में अवनि लखेरा ने 10 मीटर एयर राइफल SH1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। 19 वर्षीय अवनी ने फाइनल में 249.6 का स्कोर हासिल कर यह मेडल अपने नाम किया, जो पैरालंपिक खेलों में वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबर है। खास बात ये है कि ये अवनी का पहला ही पैरालंपिक है। इसके साथ ही इस खेल में गोल्ड जीतने वाले अवनी पहली महिला हैं। अगर अवनि के बारे में बात करें तो उन्होंने ये मुकाम काफी मुश्किल से हासिल किया है। अवनि आज जिस मुकाम पर हैं, उसके पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है।
कौन हैं अवनि लखेरा
जानकारी के मुताबिक, अवनि के पिता प्रवीण लखेरा राजस्थान के श्रीगंगानगर में पोस्टेड में हैं। वो रेवेन्यू विभाग में RAS अफसर हैं। अवनि की मां टोक्यो में उनके साथ है। 8 नवंबर 2001 को राजस्थान के जयपुर में जन्मीं अवनि की जिंदगी में 2012 में एक बहुत बड़ा मोड़ आया। अविन जब 11 साल की थीं, तब एक कार एक्सीडेंट में उनकी रीढ़ की हड्डी में गभीर चोट आई थी। इसके बाद वो हमेशा-हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर आ गईं। हालांकि उन्होंने अपनी इस कमजोरी को कभी आड़े नहीं आने दिया और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया। अवनि पढ़ाई पर ध्यान देती थीं और उनके पिता चाहते थे कि वो खेल पर भी ध्यान दें। उनके पिता ने उनसे कहा कि वो शूटिंग और तीरंदाजी दोनों में कोशिश करें और फिर कोई एक चुन लें।
अवनि ने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘2015 में मेरे पिता शूटिंग और तीरंदाजी दोनों में ले गए थे और मैंने दोनों की कोशिश की। पहली बार राइफल पकड़ने के बाद मुझे शूटिंग में ज्यादा जुड़ाव महसूस हुआ। हालांकि उनकी शूटिंग चुनने की एक वजह अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) भी हैं। अवनि ने अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी ‘अ शॉट एट हिस्ट्री’ पढ़ी, जिसके बाद शूटिंग के प्रति वो और ज्यादा गंभीर हो गई।
2015 में अवनि ने अपनी ट्रेनिंग शुरू की और कुछ ही महीने बाद उन्होंने राजस्थान स्टेट चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और गोल्ड जीत लिया। इस चैम्पियनशिप के लिए अवनि ने अपने कोच से राइफल उधार ली थी। उसके कुछ महीनों बाद ही अवनि ने नेशनल चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 2016 से 2020 के बीच अवनि ने नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में 5 बार गोल्ड मेडल जीता। इसी साल यूएई में हुई पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में अवनि ने सिल्वर मेडल जीता था।
गोल्ड जीतने वाली चौथी खिलाड़ी हैं अवनि
पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वालीं अवनि चौथी भारतीय खिलाड़ी बनी हैं। उनसे पहले स्वीमर मुरलीकांत पेटकर (1972), भाला फेंक में देवेंद्र झझारिया (2004 और 2016) और ऊंची कूद में थंगावेलु मरियप्पन (2016) यह कारनामा अपने नाम कर चुके हैं। वह पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वालीं पहली महिला भारतीय हैं।
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