उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) जनपद में मेरठ की एक महिला सिपाही ने अपनी बहन को अग्निशमन में तैनात कांस्टेबल से पुलिस की वर्दी में मिलवाकर फंसाया और फिर सिपाही पर दबाव बनाकर लोन करवाकर उससे 4 लाख रुपए ले लिए। इसके बाद सिपाही पर 8 लाख रुपए और देने का दबाव बनाया गया। वहीं, जब कांस्टेबल ने रुपए देने से मना कर दिया तो उस पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म व शादी से इंकार करने के आरोप में केस दर्ज करवा दिया।
एडीजी के आदेश पर केस दर्ज
इस मामले में कांस्टेबल के पिता ने एडीजी को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई करने की गुहार लगाई। जिसके बाद एडीजी के आदेश पर नवाबगंज पुलिस ने दोनों बहनों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू हो गई है। दरअसल, बिजनौर जनपद के मूंडाखेड़ी गांव के निवासी निपेंद्र सिंह ने एडीजी को शिकायती पत्र दिया। इसमें उन्होंने बताया कि उनके बेटे विनीत कुमार को मेरठ की रहने वाली शीतल व उसकी बहन ममता ने धोखे से अपने जाल में फंसा लिया।
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आरोपी महिला सिपाही शीतल वर्तमान में शाहजहांपुर के खुदागंज थाने में कार्यरत है। शीतल ने अपनी बहन ममता को पुलिस की वर्दी में विनीत से मिलवाकर अपने जाल में फंसा लिया। वहीं, दबाव बनाकर विनीत से पांच लाख पचास हजार का लोन कराया, जिसमें से शीतल ने ऑनलाइन अपने खाते में चार लाख रूपए उधार के रूप मे लिए और उसके बाद आठ लाख रूपए की और मांग की जिसे देने से विनीत ने मना किया तो उसके विरुद्ध झूठा केस दर्ज करा दिया।
शिकायती पत्र के अनुसार अब दोनों बहने विनीत को धमका रही है कि तुम्हारे खिलाफ एससीएसटी का मुकदमा दर्ज करवा दिया है, हमें सरकार से बहुत पैसे मिल जाएगें। तुझे जेल भिजवाकर तेरी नौकरी खा जाएंगे। तुम्हारी तय शादी भी तुड़वा देंगे जिसके चलते विनीत पूरी तरह से तनाव में हैं। उसे आशंका है कि वह कोई गलत कदम न उठा ले। विनीत ही उसके जीवन का आधार स्तंभ है। विनीत के साथ कोई अनहोनी होने पर उसके जीवन का भी कोई औचित्य नही रहेगा। हालांकि, नवाबगंज पुलिस ने एडीजी के आदेश पर दोनों बहनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।