सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) और दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) की विवादित टिप्पणियों से पार्टी द्वारा पल्ला झाड़ने पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान को ‘हिपोक्रेसी की मिसाल’ बताया है और सवाल उठाया है कि अगर पार्टी वास्तव में इन बयानों से असहमत है, तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
जयराम नरेश बोले- यह डैमेज कंट्रोल की कोशिश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संचार प्रमुख जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने रविवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि यह सिर्फ डैमेज कंट्रोल की कोशिश है, इससे कोई मूर्ख नहीं बनने वाला। उन्होंने आरोप लगाया कि निशिकांत दुबे जैसे सांसद बार-बार नफरत फैलाने वाले बयान देते हैं और भाजपा नेतृत्व का मौन समर्थन उन्हें मिलता है।
उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर भी निशाना साधा और कहा कि भाजपा के एक उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति लगातार न्यायपालिका पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं और पार्टी नेतृत्व चुप है। रमेश ने कहा कि यह ‘इंटायर पालिटिकल हिपोक्रेसी’ का उदाहरण है।
कांग्रेस ने मांगी कार्रवाई, पूछा-मोदी का स्टैंड
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अगर वास्तव में इस बयान से असहमत है तो इन सांसदों को पार्टी से निष्कासित क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि न्यूनतम कार्रवाई यह होनी चाहिए कि उन्हें पार्टी से निकाला जाए, लेकिन हमें पता है कि कोई कार्रवाई नहीं होगी।
जयराम रमेश ने यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी इन बयानों का समर्थन करते हैं? अगर नहीं, तो अब तक कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाया गया? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या भाजपा अध्यक्ष ने इन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है?
टीएमसी और महुआ मोइत्रा का भी हमला
विपक्ष की ओर से तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी भाजपा पर हमला बोला है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एक्स पर निशिकांत दुबे पर तंज कसते हुए लिखा कि पिटबुल अपने मालिक की आज्ञा के बिना कुछ नहीं करता। न्यायपालिका पर हमले और बेंच को धमकाने की कोशिश हो रही है। देश देख रहा है कि किस तरह अज्ञानी दबंगों द्वारा शासन किया जा रहा है।
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पार्टी का बयान और विवाद की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ कानून और राष्ट्रपति की शक्तियों को लेकर की गई टिप्पणियों के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर ‘धार्मिक युद्ध भड़काने’ का आरोप लगाया था, वहीं दिनेश शर्मा ने कहा था कि कोई भी संसद को चुनौती नहीं दे सकता। इन बयानों पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सार्वजनिक तौर पर सफाई देते हुए कहा था कि यह दोनों नेताओं के व्यक्तिगत विचार हैं और पार्टी का इनसे कोई लेना-देना नहीं है।
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