पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) में हुए 4500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के घोटाले के सामने आने के बाद बैंक के बाद अब तक 4 खाताधारकों की मौत हो गई है. इसके बाद अब प्राइवेट बैंक वालों के भी कान खड़े हो गए हैं. बैंकों ने ग्राहकों की पासबुक (Passbook) पर इस बारे में जानकारी चस्पा करनी शुरू कर दी है. दरअसल, बैंकों की तरफ से खाताधारकों की पासबुक पर डीआईसीजीसी के नियम का हवाला देकर अकाउंट में एक लाख से ज्यादा की रकम की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया गया है. इस नियम के बारे में ग्राहकों को जानकारी दिए जाने की शुरुआत एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की तरफ से कर दी गई है.
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बता दें बैंक ने खाताधारकों की पासबुक पर डिसक्लेमर के रूप में लिखा है कि ‘खाताधारकों द्वारा जमा की गई रकम की डीआईसीजीसी के पास बीमाकृत है. ऐसे में यदि बैंक का लिक्विडेशन होता है तो डीआईसीजीसी खाताधारकों का पैसा देने के लिए जिम्मेदार है. खाताधारकों के 1 लाख रुपये तक के लिए बैंक जिम्मेदार है’.
गौरतलब है कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाला सामने आने के बाद खाताधारक पैसे के लिए परेशान घूम रहे हैं. एक समय तो बैंक के खाताधारकों को बैंक से एक हजार रुपये से ज्यादा की राशि निकालने पर रोक भी लगा दी गई थी. हालांकि, बाद में इस रकम को 40 हजार रुपये तक बढ़ा दिया गया है. लेकिन घोटाले के बाद हजारों खाताधारकों का पैसा फंसा हुआ है.
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