मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया CM कमांड सेंटर का निरीक्षण, बोले- जनहित के कार्यों में लापरवाही स्वीकार नहीं, गड़बड़ी हुई तो कार्रवाई तय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने जनहित के कार्यों में लापरवाही को अस्वीकार बताया है। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है, बल्कि इन्हें उचित प्रोत्साहन की आवश्यकता है। बुधवार को उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित सीएम कमांड सेंटर का निरीक्षण किया और राज्य भर के विभिन्न विभागों और परियोजनाओं की कार्यप्रणाली का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभागों को आवश्यक निर्देश दिए और कहा कि विभागों और योजनाओं की निगरानी तीन श्रेणियों – ए, बी और सी – के तहत की जानी चाहिए। इसके अंतर्गत जनपद स्तर पर रोजाना, वैकल्पिक दिनों, साप्ताहिक और पाक्षिक समीक्षा की जानी चाहिए। इसके लिए जनपद स्तर पर एक अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो यह सुनिश्चित करे कि रिपोर्ट में दिए गए आंकड़े सही हैं। इसके बाद, महीने में एक बार मंत्री स्तर पर समीक्षा हो और सभी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजी जाएं। वही सीएम ने लैंड यूज और वरासत जैसी सेवाओं में समय सीमा के पालन पर भी जोर दिया।

  • फ्लैगशिप स्कीम्स की प्रगति

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रही प्रमुख योजनाओं की प्रगति को ट्रैक करने और मॉनिटर करने के लिए एक रैंकिंग प्रणाली लागू करने की बात कही। उनका कहना था कि इस प्रणाली में विभागों की गुणवत्ता और कार्य की गति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिन विभागों और परियोजनाओं में गुणवत्ता और गति में कमी है, उन्हें सुधारने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि इन सभी योजनाओं की परफॉर्मेंस को एक जवाबदेही के तहत परखा जाए, ताकि प्रगति को सटीक तरीके से मापा जा सके।

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  • क्वालिटी पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों की बेहतर परफॉर्मेंस को मापने के लिए केवल नंबरों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, बल्कि गुणवत्ता और पारदर्शिता पर जोर रहेगा। उन्होंने एमएसएमई विभाग को निर्देश दिया कि ओडीओपी (One District One Product) योजना को आगे बढ़ाना होगा और इसमें प्रत्येक जनपद की विशिष्ट खाद्य वस्तुओं को जोड़ने का विचार किया जाए।

  • परफॉर्मेंस डेटा की रैंडम चेकिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो परफॉर्मेंस डेटा विभागों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है, उनकी रैंडम चेकिंग की जानी चाहिए। मुख्य सचिव स्तर की समीक्षा बैठकों में विभागों और योजनाओं की प्रगति पर गहन चर्चा की जाएगी। सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले विभागों के प्रजेंटेशन सबके सामने रखे जाएंगे ताकि उनकी सफलता की कहानियाँ और तरीके अन्य विभागों के साथ साझा किए जा सकें। साथ ही, जिन विभागों का प्रदर्शन कमजोर है, उनके कारणों का विश्लेषण किया जाएगा।

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  • 100 प्रतिशत सैचुरेशन की अनिवार्यता

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि सरकार की कोई योजना या अभियान 100 प्रतिशत सैचुरेटेड नहीं है, तो उसका उद्देश्य अधूरा माना जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचे, प्रत्येक विभाग को अपने स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग करनी होगी। अधिकारियों को यह ध्यान रखना होगा कि योजनाएं केवल छोटे टार्गेट्स के लिए नहीं, बल्कि क्षमता के अनुसार कार्यान्वित हों।

  • आईजीआरएस प्रणाली की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने आईजीआरएस (Integrated Grievance Redressal System) की समीक्षा करते हुए कहा कि इस प्रणाली के संदर्भ में संतुष्टि के प्रतिशत को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने विभिन्न विभागों, जैसे रेवेन्यू, पुलिस, हेल्थ, जिला प्रशासन, नगर निगम, पंचायती राज आदि को निर्देशित किया कि वे शिकायतों के निस्तारण में जवाबदेही सुनिश्चित करें और टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करें।

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  • परियोजनाओं का कार्य समय पर हो 

मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कानपुर मेट्रो जैसी परियोजनाओं के निरंतर अपडेट्स के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया, ताकि किसी भी परियोजना में कोई देरी न हो। ई-अधियाचन मामलों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधियाचन पहले विभाग स्तर पर चेक किए जाएं, ताकि कोई गलत जानकारी न भेजी जाए।

  • निवेश मित्र मामलों का त्वरित निस्तारण

मुख्यमंत्री ने निवेश मित्र से संबंधित पेंडिंग मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए आदेश दिए। यह कदम प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने और विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण है।

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कार्यकुशलता में सुधार

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक ने प्रदेश की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश दिए। इन पहलुओं पर फोकस करने से विभागों की कार्यकुशलता में सुधार होगा, और योजनाओं का लाभ जनता तक सही समय पर पहुंचेगा।

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