उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार के दौरान यूपी सहकारी चीनी मिल बिक्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। ईडी ने पूर्व बसपा एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल (Former BSP MLC Haji Iqbal) की 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अटैच कर दिया है। सहारनपुर जिले में पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल की सात संपत्तियों को अटैच किया गया है।
जानकारी के अनुसार, साल 2010 से लेकर 2011 के दौरान मायावती सरकार में इन चीनी मिलों को बेचा गया था। आरोप है कि करीब 11 चीनी मिलों को औने-पौने दाम पर बेच दिया गया। पूरे प्रदेश में कुल 21 से ज्यादा चीनी मिलों को बेहद कम दाम पर बेचने का आरोप है। इनमें से कई चीनी मिलों की बिक्री पर अब भी जांच चल रही है। आरोप है कि इस फर्जीवाड़े से राज्य व केंद्र सरकार को करीब 1179 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
प्रवर्तन निदेशालय काफी समय से पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की संपत्ति अटैच करने की तैयारी में लगा था। हाजी इकबाल पर चीनी मिलों की खरीद बिक्री के अलावा भी कई आरोप हैं, जिनें अवैध खनन से नामी-बेनामी संपत्ति खरीदने का भी आरोप है। सूत्रों की मानें तो पूर्व एमलएसी हाजी इकबाल की 2500 करोड़ की संपत्तियां भी ईडी के निशाने पर हैं, इनमें से कई बेनामी हैं।
हाल ही में पूर्व एमएलसी के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में जनकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। बेहट तहसील के मीरपुर गंदेवड़ के प्रधान विश्वास कुमार ने तहरीर देकर बताया कि उसने वैभव मुकुंद के साथ पार्टनरशिप में 2 फर्म यमुना एग्रो सॉल्यूशन और यमुना एग्रो टेक फॉर्म साउथ सिटी दिल्ली रोड बनाई थी।
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प्रधान का आरोप है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर और डॉक्यूमेंट्स लगाकर पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी अकाउंट खोला गया, जिससे पूर्व एमएलसी की 3 कंपनियों में लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इस मामले की भी जांच की जा रही है।
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