Mahakumbh 2024: 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा और स्वास्थ्य के लिए कई विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस बार महाकुंभ में ‘नेत्र कुम्भ’ की स्थापना की जा रही है, जिसके तहत पांच लाख से ज्यादा लोगों की आंखों की जांच की जाएगी और 3 लाख चश्मे वितरित किए जाएंगे। खास बात यह है कि जिन नेत्र रोगियों को ऑपरेशन की आवश्यकता होगी, उन्हें उनके घर के पास स्थित अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन कराने का अवसर मिलेगा।
नेत्र कुम्भ में 150 अस्पतालों के साथ करार
नेत्र कुम्भ की आयोजन कमेटी के अध्यक्ष कवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस साल पहली बार यह व्यवस्था की जा रही है। नेत्र कुम्भ में जांच कराने वाले मरीजों को ऑपरेशन के लिए अपने घर के पास किसी भी अस्पताल में जाने का विकल्प मिलेगा। इसके लिए 150 से ज्यादा अस्पतालों के साथ करार किया गया है। मरीजों को डॉक्टरों द्वारा रेफर किए जाने के बाद एक रेफरल कार्ड दिया जाएगा, जिसे वे किसी भी इम्पैनल अस्पताल में दिखा सकते हैं और वहां निशुल्क ऑपरेशन करवा सकते हैं। यह सेवा महाकुंभ के दौरान या बाद में भी प्राप्त की जा सकती है।
नेत्र कुम्भ का रिकॉर्ड
इस आयोजन के दौरान 5 लाख लोगों की आंखों की जांच और 3 लाख चश्मों के वितरण का दावा किया जा रहा है। 2019 में आयोजित नेत्र कुम्भ में 1.5 लाख लोगों को चश्मा और 3 लाख लोगों की जांच की गई थी, जिसके बाद आयोजन ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान बनाया था। इस बार के आयोजन से यह रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है, और यह दुनिया के सबसे बड़े नेत्र चिकित्सा आयोजन के रूप में स्थापित हो सकता है।
चिकित्सा सेवाएं
नेत्र कुम्भ का आयोजन सेक्टर 6 में नागवासुकि मंदिर के पास मेला क्षेत्र में किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आंखों की रोशनी खोने वालों की मदद करना है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को न केवल निशुल्क आंखों की जांच, बल्कि दवाइयां और जलपान भी प्रदान किया जाएगा। भारतीय सेना के डॉक्टर भी इस आयोजन में अपनी सेवाएं देंगे।
प्रत्येक दिन 200 डॉक्टर और ऑप्टोमेट्रिस्ट की टीम
नेत्र कुम्भ में 150 डॉक्टर बाहर से आएंगे, जबकि करीब 400 डॉक्टर इस दौरान 45 दिन तक मौजूद रहेंगे। प्रतिदिन 40 डॉक्टर ओपीडी सेवा में होंगे, और 500 से ज्यादा ऑप्टोमेट्रिस्ट इस आयोजन में भाग लेंगे। इन सेवाओं के जरिए करीब 200 डॉक्टर, ऑप्टोमेट्रिस्ट और वालंटियर्स नेत्र रोगियों की सहायता करेंगे। नेत्र ओपीडी का संचालन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगा, जिसे प्रमुख स्नान पर्व के दौरान बढ़ाकर शाम 4 बजे तक किया जा सकता है।
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