नौकरी ज्वाइन करने पहुंचा फर्जी अभ्यर्थी, फोटो और हस्ताक्षर से पकड़ाया

मुकेश कुमार , संवाददाता, गोरखपुर । कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षा में बैठा सॉल्वर असली अभ्यर्थी को सशस्त्र सीमा बल (SSB) में कांस्टेबल की नौकरी दिलाने में सफल तो हो गया, लेकिन जब मूल अभ्यर्थी ज्वाइनिंग के लिए पहुंचा, तो उसकी पोल खुल गई। दस्तावेजों की जांच में फोटो और हस्ताक्षर न मिलने पर अधिकारियों को शक हुआ। गहन जांच के बाद यह फर्जीवाड़ा सामने आया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। चिलुआताल पुलिस ने डिप्टी कमांडेंट जय प्रकाश आर्य की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

कैसे खुला फर्जीवाड़े का राज ?
एसएससी 2024 परीक्षा के तहत चयनित शैलेन्द्र कुमार, पुत्र बीरपाल कुमार, निवासी बर्धमान, जिला राजनंदगांव (छत्तीसगढ़) को SSB मुख्यालय, नई दिल्ली से आरक्षी (सामान्य) पद के लिए नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। उसे गोरखपुर स्थित SSB प्रशिक्षण केंद्र में ज्वाइनिंग के लिए बुलाया गया।

जब शैलेन्द्र कुमार ज्वाइनिंग के लिए पहुंचा, तो अधिकारियों ने देखा कि परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी की फोटो और उसके फोटो में अंतर है। संदेह होने पर दस्तावेजों की गहन जांच की गई, जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, हाई स्कूल की अंक तालिका और EWS प्रमाण पत्र को सत्यापित किया गया। जब कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के मूल रिकॉर्ड से तुलना की गई, तो उसके फोटो, हस्ताक्षर और पहचान चिह्न अलग पाए गए। इस गड़बड़ी का खुलासा होते ही उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं ऐसे फर्जी अभ्यर्थी

यूपी पुलिस में कांस्टेबल भर्ती में पकड़ा गया था युवक
तीन जनवरी 2024 को एक युवक यूपी पुलिस में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पकड़ा गया था। उसने हाईस्कूल और इंटर की दूसरी मार्कशीट लगाकर अपनी उम्र 12 साल कम कर लिखित परीक्षा पास कर ली थी। हालांकि, शारीरिक परीक्षा से पहले दस्तावेजों की जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। कैंट पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।

केवाईसी में खुला फर्जीवाड़ा
गोरखपुर पुलिस लाइंस में दस्तावेज सत्यापन कराने आए बिहार भोजपुर जिले के हरदिया गांव निवासी कुश कुमार की असलियत केवाईसी के दौरान सामने आई। उसने जो हाईस्कूल और इंटर की मार्कशीट लगाई थी, उसमें उसकी जन्मतिथि 23 मार्च 2005 दर्ज थी, लेकिन आधार से KYC करने पर असली नाम लवकुश और जन्मतिथि 20 फरवरी 1993 निकली। जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने स्वीकार किया कि उम्र ज्यादा होने की वजह से उसने दोबारा हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा दी थी।
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सख्त जांच के बाद भी जारी है फर्जीवाड़ा
हर साल भर्ती परीक्षाओं में फर्जी अभ्यर्थियों के पकड़े जाने के मामले सामने आ रहे हैं। सॉल्वर गिरोह सक्रिय हैं और अलग-अलग तरीकों से सरकारी नौकरियों में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, दस्तावेजों के सख्त सत्यापन और अधिकारियों की सतर्कता के कारण अब कई मामलों का भंडाफोड़ हो रहा है। बावजूद इसके, परीक्षा में बैठने से लेकर ज्वाइनिंग तक फर्जीवाड़ा करने वालों के हौसले कम नहीं हो रहे हैं।