Mahakumbh 2025: विदेशी संतों को रास आ रही है योगी सरकार की दिव्य, भव्य और स्वच्छ महाकुम्भ की व्यवस्था

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुम्भ के आयोजन से पहले महाकुम्भ नगर में देश-विदेश से आए साधु-संतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अखाड़ों की धर्म ध्वजा, नगर प्रवेश और कुम्भ छावनी प्रवेश यात्रा की परंपरा में विदेशी साधु संत भी शामिल हो रहे हैं। उन्हें महाकुम्भ की नव्य व्यवस्था बेहद आकर्षक लग रही है।

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महाकुम्भ के आयोजन की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, प्रयागराज के अखाड़ा सेक्टर में साधु संतों की मौजूदगी बढ़ती जा रही है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में शामिल होने आए विदेशी संतों का कहना है कि दिव्य, भव्य और व्यवस्थित महाकुम्भ का आयोजन अत्यंत सुसज्जित है। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोम गिरी उर्फ पायलट बाबा की जापानी शिष्या योग माता और महामंडलेश्वर केको सहित कई जापानी साध्वी इस यात्रा में शामिल हुईं। उनका कहना है कि इस छावनी प्रवेश से आगामी महाकुम्भ के आयोजन की झलक मिल रही है। एयर कनेक्टिविटी से लेकर ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था बहुत बेहतर है।

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नेपाल से आई महिला संत और जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर हेमा नन्द गिरी ने कहा कि संतों के लिए सौभाग्य की बात है कि महाकुम्भ के आयोजन की भूमि पर योगी आदित्यनाथ जैसे संत मुख्यमंत्री हैं। योगी जी की दिशा-निर्देश में आयोजित होने जा रहे भव्य महाकुम्भ से सनातन धर्म का प्रचार अब नेपाल समेत दुनिया के अन्य देशों में तेजी से हो रहा है।

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स्वच्छता और डिजिटलाइजेशन पर जोर देने वाली योगी सरकार की महाकुम्भ व्यवस्था से विदेशी संत भी बेहद प्रसन्न हैं। स्पेन से जूना अखाड़े की अवधूत अंजना गिरी, जिनका पहले नाम एंजिला था, ने कहा कि वह पिछले 30 सालों से महाकुम्भ में अपने गुरु के साथ आती रही हैं, लेकिन इस बार की अनुभूति कुछ अलग है। सैनिटेशन पर खास ध्यान दिया गया है, जिससे पूरे महाकुम्भ क्षेत्र में स्वच्छता बनी हुई है। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी सभी जानकारी उपलब्ध है, जिससे विदेशी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधा हो रही है।

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फ्रांस से महाकुम्भ में शामिल होने आए ब्रूनो गिरी ने भी महाकुम्भ की इस बार की व्यवस्था की सराहना की। उन्होंने कहा कि वह पहले भी महाकुम्भ में भाग ले चुके हैं, लेकिन इस बार शहर में उत्सव का माहौल महसूस हो रहा है और आयोजन की व्यवस्था में बहुत बदलाव आया है। इस प्रकार योगी सरकार की मेहनत से महाकुम्भ के आयोजन की व्यवस्था दिव्य, भव्य, स्वच्छ और डिजिटल रूप में सामने आ रही है, जो न केवल देश के बल्कि विदेशी साधु संतों को भी आकर्षित कर रही है।

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