Future Crime Summit 2025: दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 14 फरवरी को आयोजित फ्यूचर क्राइम समिट-2025 ने प्रौद्योगिकी आधारित अपराधों की बढ़ती समस्या पर गहरी चर्चा की। इस शिखर सम्मेलन में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ, कानून प्रवर्तन एजेंसियां, रक्षा कर्मी, साइबर वकील और खुफिया अधिकारी उपस्थित रहे। हालिया दिनों में तकनीकी अपराधों में बढ़ोतरी के बीच, इनसे निपटने के लिए प्रभावी उपायों पर विचार-विमर्श हुआ।
डिजिटल फोरेंसिक और नवीनतम तकनीकी समाधान
समिट का प्रमुख आकर्षण ‘प्रोडिस्कवर’ कंपनी का नया डिजिटल फोरेंसिक उपकरण ‘प्रोडिस्कवर फ्लेक्सकी’ रहा। इस उपकरण की सहायता से फोरेंसिक जांच को सुचारू बनाने और परिचालन दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया गया। कंपनी ने इसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत विकसित किया है और इसे भारतीय बाजार की आवश्यकताओं के हिसाब से तैयार किया गया।
क्या है फ्लेक्सकी?
‘प्रोडिस्कवर फ्लेक्सकी’ (ProDiscover Flexkey) को नेटवर्क-आधारित लाइसेंस प्रबंधन प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसके माध्यम से लाइसेंस को आसानी से साझा किया जा सकता है और बेकार या अप्रयुक्त संसाधनों को हटाया जा सकता है, जिससे आवश्यक संसाधनों का प्रभावी उपयोग संभव हो सके।
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साइबर खतरों पर चर्चा
समिट में साइबर फोरेंसिक, डिजिटल खतरों और तकनीकी कानून के विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। विशेषज्ञों ने न केवल नए साइबर खतरों के बारे में जानकारी दी, बल्कि डिजिटल जांच और कानून प्रवर्तन रणनीतियों पर भी महत्वपूर्ण बिंदु साझा किए।
प्रोडिस्कवर का लाइव प्रदर्शन
‘प्रोडिस्कवर’ के सीईओ निरुपल राव ने कंपनी के फोरेंसिक उपकरणों का लाइव प्रदर्शन किया, जिसमें डिस्क इमेजिंग, लाइव मेमोरी एनालिसिस, डेटा रिकवरी और हाईटेक रिपोर्टिंग जैसी क्षमताएं शामिल थीं। इन उपकरणों को साइबर अपराधों से निपटने में कारगर बताया गया।
स्वदेशी इनोवेशन और मेक इन इंडिया पहल
शिखर सम्मेलन में ‘प्रोडिस्कवर’ ने अपने स्वदेशी इनोवेशन पर भी प्रकाश डाला। कंपनी हैदराबाद में अपने फोरेंसिक उपकरणों को विकसित कर रही है, जो अगले पीढ़ी के प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में उभर रहा है। इस पहल के तहत, ‘प्रोडिस्कवर’ भारतीय बाजार में साइबर सुरक्षा और फोरेंसिक समाधान प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।