लोनी मामले में SP नेता उम्मेद पहलवान गिरफ्तार, सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर दंगा की साजिश का आरोप

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) में लोनी इलाके में मुस्लिम बुजुर्ग को पीटने और दाढ़ी काटने के मामले में उम्मेद पहलवान (Ummed Pahalwan) को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उम्मेद पहलवान पर दंगे की साजिश करने का आरोप है. फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुटी है. उम्मेद पहलवान सपा का नेता है. उम्मेद ने ही सबसे पहले अब्दुल समद के मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए फेसबुक लाइव किया था. इसके बाद यह मामला दूसरे सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.


गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि बुजुर्ग से मारपीट मामले में क्राइम ब्रांच और गाजियाबाद पुलिस ने अपने जॉइंट आपरेशन में एसपी नेता उम्‍मेद पहलवान को अरेस्‍ट कर लिया. उम्‍मेद को दिल्‍ली के एलएनजेपी अस्‍पताल के पास से अरेस्‍ट किया गया. उसके साथ गुलशन नाम का एक और आरोपी पकड़ा गया है. पुलिस का कहना है कि उम्‍मेद ने एफआईआर के बाद फेसबुक लाइव करके पूरी घटना को अलग रूप दिया था. बता दें कि इस मामले में उम्मेद पहलवान की तलाश की जा रही थी, जो कि पिछले कुछ दिनों से गायब था.


सपा नेता उम्मेद ने ही बुजुर्ग को थाने में केस दर्ज करवाने में मदद की थी. पीड़ित अब्दुल समद के बेटे ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि इदरिस ने उनके पिता की केस दर्ज करवाने में मदद की थी. इसके बाद सपा नेता ने फेसबुक लाइव करके अपनी कौम के लोगों को भड़काने का काम किया. तैयारी थी कि इसी के बाद क्रमशः अलीगढ़, मुरादाबाद, देवबंद, सहारनपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में इसे मुद्दा बनाकर उन्माद भड़काया जाए, लेकिन उससे पहले मामले का पर्दाफाश हो गया.


इससे पहले बुधवार को पुलिस ने ट्विटर समेत 9 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था. पुलिस ने वायरल वीडियो के मामले में पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब के अलावा अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, शमा मोहम्मद और मसकूर उस्मानी, लेखक सबा नकवी, द वायर और ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया. पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काना), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 505 (शरारत), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है.


जानें क्या था मामला ?

गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में पुलिस का कहना था कि बुजुर्ग द्वारा दी गई सारी जानकारी गलत थी. बुजुर्ग ने अज्ञात के खिलाफ FIR करवाई थी, लेकिन वह उनको जानता था और वहां जबरदस्ती नारे लगाने जैसा कोई मामला नहीं हुआ. पुलिस की जांच में सामने आया है कि पीड़ित अब्दुल समद 5 जून को बुलंदशहर से बेहटा (लोनी बॉर्डर) आया था, जहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपी परवेश गुज्जर के घर बंथला (लोनी) गया था. परवेश के घर पर कुछ समय में अन्य लड़के कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल व मुशाहिद आदि आ गए और परवेश के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. उनके अनुसार अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है. उसके दिए ताबीज से उनके परिवार पर उल्टा असर हुआ. इस वजह से उन्होंने यह कृत्य किया है.


अब्दुल समद और प्रवेश, आदिल, कल्लू आदि लड़के एक-दूसरे से पूर्व से ही परिचित थे, क्योंकि अब्दुल समद द्वारा गांव में कई लोगों को ताबीज दिए गए थे. प्रकरण में पंजीकृत अभियोग में समुचित धराओं की वृद्धि करते हुए पूर्व में ही मुख्य अभियुक्त परवेश गुज्जर की गिरफ्तारी की जा चुकी है. इस मामले में 14 जून को अन्य दो अभियुक्तों कल्लू और आदिल की गिरफ्तारी की गयी थी, वहीं 16 जून को इंतजार और सद्दाम उर्फ बौना को भी सलाखों के पीछ भेज दिया गया है,  हमले में शामिल जिन पांच लोगों की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य की तलाश जारी है. 


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