मुख्य सचिव ने ‘पुरानी पेंशन’ देने में जाहिर की अपनी मजबूरी, बोले- केंद्र सरकार से बंधे हैं

मुख्य सचिव डॉ़क्टर अनूप चंद्र पांडेय और विभागीय वरिष्ठ अफसरों के साथ कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी और पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेताओं की सोमवार की देर रात हुई वार्ता फेल हो गई है। वहीं, इसके बाद जहां कर्मचारी नेताओं ने छह फरवरी से महाहड़ताल पर जाने का ऐलान किया तो सरकार ने प्रस्तावित हड़ताल के प्रति सख्त रवैया अपनाते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।


मुख्य सचिव बोले- राज्य स्तर पर नहीं ले सकते फैसला

जानकारी के मुताबिक, वार्ता में मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी, अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, संरक्षक बाबा हरदेव सिंह, शिक्षक एमएलसी चेत नारायण सिंह सहित 20 मंच नेताओं ने भाग लिया। मुख्य सचिव ने पुरानी पेंशन देने में अपनी मजबूरी जाहिर की।


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उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार से बंधे हैं। इसलिए राज्य स्तर पर वे ऐसा कोई फैसला नहीं ले सकते हैं। कर्मचारी नेताओं का तर्क था कि 13 लाख कर्मचारियों, शिक्षकों और अधिकारियों का पैसा वे शेयर में नहीं लगाने देंगे।


हड़ताल करने पर होगी एस्मा के तहत कार्रवाई

बताया जा रहा है कि कर्मचारी नेताओं के तेवर देखने के बाद प्रदेश सरकार ने प्रस्तावित हड़ताल के प्रति सख्त रवैया अपनाने का फैसला किया है। यही वजह है कि मुख्य सचिव डॉक्टर पांडेय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सभी विभागों और संस्थानों में छह माह के लिए हड़ताल पर रोक लगाना लोकहित में जरूरी है। इसलिए एस्मा के तहत हड़तालियों पर कार्रवाई की जाएगी।


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इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, कमिश्नरों और डीएम को भेजे निर्देशों में कहा है कि कुछ सेवा संगठनों द्वारा छह फरवरी से हड़ताल करने की संभावना है, इसलिए यूपी सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 के तहत प्रदेश का हर सरकारी सेवक हर समय अपनी ड्यूटी के प्रति निष्ठा और समर्पण रखेगा। कोई सरकारी सेवक न हड़ताल में किसी की मदद करेगा और न ही उसमें शामिल होगा।


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यूपी (सेवा संघों की मान्यता) नियमावली-1979 के अनुसार कोई संघ हड़ताल करेगा या उसमें सहयोग करेगा या भड़काने आदि का काम करेगा तो उसकी मान्यता खत्म की जा सकती है। धरना, प्रदर्शन में शामिल सरकारी सेवकों के खिलाफ सरकारी सेवक अनुशासनिक नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी। हड़ताल में शामिल होने के लिए छुट्टी भी नहीं मिलेगी। हड़ताल की स्थिति में अपने-अपने विभाग में समुचित काम होता रहे, इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। वैकल्पिक व्यवस्था में व्यवधान डालने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए।


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