उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने के आम आदमी पार्टी के ऐलान के साथ ही आप और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पार्टी यूपी में जमीन बनाने के लिए योगी सरकार पर लगातार हमलावर दिख रही है. आम आदमी पार्टी के हमलों का बीजेपी भी मुंहतोड़ जवाब दे रही है. केजरीवाल ने यूपी में कोरोना नियंत्रण पर हमला बोला तो सीएम योगी ने आंकड़े जारी कर दिल्ली के मुख्यमंत्री को आइना दिखा दिया.
सीएम योगी ने कहा कि अगर आप दिल्ली से यूपी की तुलना करते हैं तो यह भी याद रखने की जरूरत है कि यूपी की जनसंख्या 24 करोड़ है और यहां कोरोना वायरसर संक्रमण से 8,000 लोगों की जान गई है, जबकि दिल्ली की आबादी महज 1.75 करोड़ है, पर वहां कोरोना वायरस संक्रमण से 10,000 लोग जान गंवा चुके हैं. साफ है कि यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर प्रबंधन दिल्ली के मुकाबले काफी बेहतर रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने के बावजूद यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर प्रबंधन सबसे बेहतर रहा. दो महीने पहले यहां कोरोना वायरस संक्रमण के 68,000 एक्टिव केस थे, लेकिन अब यह 18,000 से भी कम है. यूपी कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सबसे अधिक जांच कराने वाला राज्य बन गया है. यहां संक्रमण की दर और मृत्युदर सबसे कम है.
वास्तव में, तमाम विषमताओं, समस्याओं और चुनौतियों के बीच भी उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने एक-एक नागरिक की सामाजिक सुरक्षा और जीवन रक्षा सुनिश्चित करने की असंभव कल्पना को वास्तविकता में परिवर्तित किया है. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे आबादी में कम और संसाधनों में सम्पन्न राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश ने अपनी जीवटता, सटीक नियोजन और प्रभावी क्रियान्वयन से कोरोना पर काबू पाने में सफलता हासिल की है. इन बातों की तस्दीक आंकड़ों से की जा सकती है.
यह उत्तर प्रदेश ही है, जहां तमाम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं के बाद भी कोरोना की स्थिति संयमित है, नियंत्रित है. वास्तव में, 24 करोड़ जनता की कोरोना से सुरक्षा, 20 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों की सकुशल घर वापसी, विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के लाखों अवसर तैयार करना, आर्थिक विकास की योजनाओं से जुड़े फैसलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी अलग छवि गढ़ दी है. शायद उनका राजधर्म भी यही है जिसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ वह निभा रहे हैं. यही कारण है कि चुनौतियों को अवसर में बदलने में माहिर योगी के प्रभावी एवं कुशल नेतृत्व की प्रशंसा के स्वर देश ही नहीं, दुनिया में गूंज रहे हैं. कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे, काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा मेडिकल टेस्टिंग के कार्य जिस प्रभावशाली ढंग से संचालित किया जा रहा है, वह यूपी जैसे राज्य में होना कल्पनातीत था.
RBI की 9 कसौटियों में 8 पे टॉप पर यूपी
कोरोना के दौरान बेहतर प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा तय की गईं 9 कसौटियों में उत्तर प्रदेश सरकार ने 8 में पहला स्थान हासिल किया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल, मेडिकल उपकरण, मास्क और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने में यूपी देश में नंबर वन रहा. प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों की योगी सरकार ने सबसे ज्यादा मदद का रिकॉर्ड बनाया है.आरबीआई ने अपनी स्टेट फाइनेंस रिपोर्ट में कोरोना काल में देश के सभी राज्यों के प्रदर्शन का आकलन किया है. आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी का काम सबसे शानदार पाया है. रिपोर्ट में 9 में 8 श्रेणियों में जगह बनाने वाला यूपी देश का एक मात्र राज्य है. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी से यूपी सरकार ने हर मोर्चे पर जबरदस्त जंग लड़ी है.
पीएम मोदी, WHO भी कर चुके हैं सीएम योगी प्रबंधन की तारीफ
हाल ही में पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ने और सीमित संसाधन में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए यूपी सीएम और उनकी टीम की दिल खोलकर प्रशंसा की थी. पीएम ने कहा कि “योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना काल के दौरान भी विकास कार्यों की रफ्तार धीमी नहीं होने दी. यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है. इस संकट की घड़ी में भी प्रवासियों को घर पहुंचाने के साथ-साथ उनको रोजगार उपलब्ध कराया. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम बधाई की पात्र है”. इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी योगी सरकार की जमकर तारीफ की. जिसके मुताबिक कोरोना रोकथाम पर यूपी सरकार ने जो किया वह मिसाल है, अन्य सरकारों को भी अपने यहां योगी मॉडल लागू करना चाहिए.
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