India UK Free Trade Deal: भारत (India) और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर आखिरकार हस्ताक्षर हो गए हैं। इस ऐतिहासिक करार से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को नया आयाम मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसे ‘ऐतिहासिक दिन’ बताते हुए कहा कि यह समझौता भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
भारतीय निर्यात को मिलेगी ड्यूटी-फ्री एंट्री
इस समझौते के तहत 99% भारतीय निर्यात पर अब ब्रिटेन में कोई शुल्क नहीं लगेगा, जिससे भारत से वस्तुओं के निर्यात में भारी बढ़ोतरी की संभावना है। इससे विशेष रूप से भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बड़ा फायदा होगा, जैसे कपड़ा, चमड़ा, जूते, आभूषण, खिलौने और समुद्री उत्पादों का उत्पादन करने वाले कारीगर और मजदूर लाभान्वित होंगे।
भारतीय बाजार में सस्ते होंगे ब्रिटिश उत्पाद
एफटीए लागू होने के बाद भारतीय उपभोक्ताओं को यूके से आयातित उत्पादों तक आसान और सस्ती पहुंच मिलेगी। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण, प्लास्टिक और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले विदेशी उत्पाद अब सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे।
MSME, किसान और मछुआरों को मिलेगा प्रत्यक्ष लाभ
सरकार के अनुसार, यह समझौता MSME सेक्टर की लाखों इकाइयों के लिए वरदान साबित होगा। वहीं, किसानों के लिए 95% कृषि उत्पाद अब बिना किसी शुल्क के ब्रिटेन को निर्यात किए जा सकेंगे। समुद्री उत्पादों पर 99% ड्यूटी माफ होने से मछुआरों की आमदनी में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है।
महिलाओं और स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच पर मौका
यह करार महिलाओं को वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़ने और फाइनेंस तक आसान पहुंच दिलाने में सहायक होगा। भारत के स्टार्टअप्स के लिए भी यह एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है, जिससे वे यूके के इनोवेशन इकोसिस्टम, निवेशकों और उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंच बना सकेंगे।
सेवा क्षेत्र और आईटी पेशेवरों को नई उड़ान
भारतीय आईटी विशेषज्ञों, एजुकेशन प्रोफेशनल्स और अन्य सेवाक्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यूके का हाई-वैल्यू मार्केट अब पहले से अधिक सुलभ हो गया है। ‘डबल कंट्रिब्यूशन कन्वेंशन’ के तहत भारतीय कर्मचारियों को यूके में तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट भी मिलेगी।
शिक्षा क्षेत्र में नई साझेदारी
फ्री ट्रेड डील के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र में भी गहरा सहयोग देखने को मिलेगा। यूके की छह प्रमुख यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस स्थापित कर रही हैं। हाल ही में गुरुग्राम में एक यूनिवर्सिटी कैंपस का उद्घाटन किया गया, जो इस दिशा में पहला कदम है।
वैश्विक स्थिरता के लिए साझा प्रयास
पीएम मोदी ने बताया कि भारत और यूके यूक्रेन संकट, इंडो-पैसिफिक और मध्य-पूर्व मुद्दों पर समान दृष्टिकोण रखते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘आज के युग की मांग विस्तारवाद नहीं, विकासवाद है।’ इस डील को उन्होंने वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी एक बड़ा कदम बताया।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता पर यूके का समर्थन
एफटीए समझौते के अलावा पीएम मोदी ने यूके द्वारा हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने और भारत के साथ एकजुटता दिखाने पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का आभार प्रकट किया।
23 अरब डॉलर तक का व्यापारिक विस्तार संभव
सरकारी अनुमान के अनुसार, इस समझौते के लागू होने से करीब 23 अरब डॉलर के नए व्यापारिक अवसर खुलेंगे। सरकार का मानना है कि यह करार ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों को और अधिक बल देगा।