भारत खरीदेगा 156 मेड इन इंडिया LCH प्रचंड चॉपर, CCS की बैठक में ऐतिहासिक फैसला

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए 156 मेड इन इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) खरीदने का फैसला लिया है। यह सौदा भारत के रक्षा इतिहास का सबसे बड़ा सौदा है, जिसे केंद्र सरकार की सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) द्वारा मंजूरी दी गई। इस सौदे से रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और स्वदेशी हथियारों के उत्पादन में नई दिशा मिलेगी।

2.09 लाख करोड़ रुपये के अनुबंध स्वीकृत

रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने इस वित्तीय वर्ष में 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बात की जानकारी एक रक्षा अधिकारी ने दी। यह फैसला केंद्र सरकार के सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में लिया गया था, जिससे भारतीय सेना और वायुसेना के लिए नए उपकरणों और हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

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एलसीएच प्रचंड

एलसीएच प्रचंड एक अत्याधुनिक लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है, जिसे विशेष रूप से भारतीय सेना और वायुसेना के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें दो लोग बैठ सकते हैं और यह 51.10 फीट लंबा और 15.5 फीट ऊंचा है। इसका वजन 5800 किलोग्राम है और इसमें 700 किलोग्राम तक हथियार लगाए जा सकते हैं। हेलीकॉप्टर की अधिकतम गति 268 किमी प्रति घंटा है और इसकी उड़ान रेंज 550 किमी तक है। यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट तक उड़ान भर सकता है और 16,400 फीट की ऊंचाई से टेकऑफ कर सकता है। इसके अलावा, इसमें 20 मिमी की तोप भी लगी है, जो इसकी लड़ाकू क्षमता को और अधिक बढ़ाती है।

भारत के लिए स्वदेशीकरण को बढ़ावा

इस हेलीकॉप्टर खरीद से भारत को स्वदेशी हथियारों के उत्पादन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का यह कदम भारतीय सेना और वायुसेना को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा। अब तक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 15 एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर बनाए हैं, जिनमें से 10 भारतीय वायुसेना के लिए और 5 भारतीय सेना के लिए हैं।

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एलसीएच प्रचंड के वैश्विक प्रतिस्पर्धी

एलसीएच प्रचंड के सबसे बड़े प्रतिस्पर्धियों में अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टर और यूरोकॉप्टर टाइगर जैसे हेलीकॉप्टर शामिल हैं। हालांकि, इनकी कीमत बेहद ऊंची होने के कारण कई देशों के लिए इन्हें हासिल करना संभव नहीं है। उदाहरण के लिए, अपाचे की कीमत 30 मिलियन डॉलर से अधिक है, और एएच-1जेड वाइपर की कीमत भी 20 मिलियन डॉलर से ज्यादा है। इसके अलावा, यूरोकॉप्टर टाइगर की कीमत 40 मिलियन डॉलर से अधिक है, जिससे यह हर देश के लिए सुलभ नहीं है। इसके अलावा, अमेरिकी विदेश नीति और निर्यात प्रतिबंध भी इन हेलीकॉप्टरों को हासिल करने में रुकावट डालते हैं।

आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र का निर्माण

एलसीएच प्रचंड के साथ भारत का रक्षा क्षेत्र एक नई दिशा में बढ़ेगा, जो न केवल उसकी सैन्य क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि स्वदेशी हथियारों के उत्पादन को भी प्रोत्साहित करेगा। भारतीय वायुसेना और सेना को अब एक ऐसा हेलीकॉप्टर मिलेगा, जो न केवल भारतीय परिस्थितियों में कार्य करने के लिए अनुकूल है, बल्कि उच्च तकनीकी क्षमता भी रखता है।

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