आम लोगों का आर्मी जैसे कपड़े पहनना अपराध, सजा के साथ लगेगा जुर्माना

हाल ही में बीजेपी दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आर्मी की वर्दी जैसे कपड़े पहनकर बाइक रैली निकाली तो हंगामा हो गया. एक तरफ इसे लेकर विरोधी उनकी खिंचाई कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मनोज तिवारी खुद को सफाई दे रहे हैं कि वो देशभक्त हैं और उन्होंने सेना को सम्मान देने के लिए ऐसा किया. हालांकि, कानून की नजर से देखें तो किसी भी आम नागरिक का आर्मी जैसी वर्दी या कपड़े पहनना अपराध है. इसके लिए 500 रूपये का जुर्माना और अधिकतम 3 महीने तक की सजा हो सकती है.


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आईपीएस की इन धाराओं के तहत होगा मुकदमा, पुलिस की रहेगी नज़र

आर्मी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि आर्मी की तरफ से लोगों को आर्मी वर्दी जैसे कपड़े ना पहनने का ऑर्डर नहीं निकाला गया. क्योंकि, आर्मी सिर्फ अपनी फोर्स के लिए ऑर्डर निकाल सकती है. इसके लिए कई बार अपील जरूर की गई है. इस संबंध में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के सेक्रेटरी को निर्देश दिया है कि जो लोग भी अनाधिकृत तरीके से आर्म्ड फोर्स (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) की वर्दी या उसके जैसी दिखने वाली यूनिफॉर्म पहनते हैं तो उन पर आईपीएस की धारा 140 और 171 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. हालांकि, यह भी महसूस किया गया है कि लोग देशभक्ति दिखाने के लिए भी आर्मी जैसी दिखने वाली वर्दी पहन लेते हैं तो क्या सीधा उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए? मंत्रालय की तरफ से राज्यों के सेक्रेटरी को कहा गया कि राज्य पुलिस देखे कि किस मामले को किस तरह से लिया जाए. अब पुलिस को देखना होगा कि व्यक्ति ने देशभक्ति की वजह से आर्मी जैसी यूनिफॉर्म पहनी है या फिर गुमराह करने के लिए. आईपीएस की धारा 140 के मुताबिक अगर कोई यह दिखाने का  लिए कि वह आर्म्ड फोर्सेस का हिस्सा है और आर्मी, नेवी, एयरफोर्स की तरह दिखने वाले कपड़े पहनता है या प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल करता है तो उसे अधिकतम 3 महीने तक की जेल और 500 रूपये का जुर्माना हो सकता है.


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पठानकोट हमले के बाद हुई थी ऐसी अपील

सीनियर आर्मी अधिकारी के मुताबिक वर्ष 2016 में पठानकोट हमले के बाद आर्मी की तरफ से लोगों को अपील की गई थी कि इस तरह के कपड़े ना पहने जो आर्मी की वर्दी की तरह दिखते हो. साथ ही दुकानदारों से अपील की थी कि वह सेना के जवानों की तरह की पोशाक (कॉम्बेट क्लॉथ) आम लोगों को ना बेंचे. साथ ही प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों से भी कहा था कि वह अपने गार्ड की वर्दी कॉम्बैट पैटर्न की ना बनाएं.


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रिटायर्ड डिफेंस एनालिस्ट कर्नल ने कहा

डिफेंस एनालिस्ट कर्नल अशोक (रिटायर्ड) कहते हैं कि नेताओं को खुद को आर्मी लीडर दिखने के लोभ से दूर रहना चाहिए. हमें बुलेट को और बैलेट को अलग-अलग रखना है. अगर बुलेट-बैलेट को मिक्स करेंगे तो खतरनाक स्थिति होगी. उन्होंने कहा कि जब कभी आर्मी समारोह में कोई मंत्री आता है और जवानों के साथ रहता है तो उन्हें आर्मी की वर्दी पहनाई जाती है. लेकिन, किसी नेता का आम लोगों के बीच मैसेज देने के लिए या उसके राजनीतिक इस्तेमाल के लिए आर्मी जैसे कपड़े का इस्तेमाल गलत है. डिफेंस एनालिस्ट ने कहा कि अभी एक नेता ऐसा कर रहे हैं, कल दूसरे भी करेंगे और फिर कोई आर्मी के जवानों को ही राजनीतिक रैलियों में बुलाना शुरू कर देगा. यह बेहद गलत है और इस राह पर नहीं बढ़ना चाहिए.


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