‘हमारी आबादी 75 प्रतिशत, तो नियम भी हमारे हिसाब से बनें’, झारखंड में मुस्लिम समाज ने बदलवा दी सालों से हो रही प्रार्थना, बच्चों को हाथ जोड़ने से रोका

झारखंड (Jharkhand) के गढ़वा (Garhwa) में बने एक स्कूल में मुस्लिम समुदाय द्वारा प्रिसिंपल पर इस्लामी नियम लागू करने वाले के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है। पूरा मामला गढ़वा के मध्य विद्यालय का है। यहां मुस्लिम समुदाय ने प्रिंसिपल युगेश राम पर दबाव बनाते हुए कहा कि क्षेत्र में उनकी आबादी 75% है। इसलिए नियम भी उन्हीं के हिसाब से होंगे। स्कूल की प्रार्थना (School Prayer) भी हमारे हिसाब से होगी। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रिसिंपल को स्कूल में सालों से चली आ रही प्रार्थना बदलने के लिए मजबूर कर दिया।

पहले इस स्कूल में ‘दया का दान विद्या का…’ प्रार्थना करवाई जाती थी, लेकिन अब ‘तू ही राम है तू ही रहीम’ प्रार्थना स्कूल में होने लगी है। इसके साथ स्कूल में बच्चों को हाथ जोड़ कर प्रार्थना करने से भी मना कर दिया गया है। प्रिंसिपल ने कहा है कि लंबे समय से मुस्लिम समुदाय के लोग 75 फीसदी आबादी का हवाला देकर स्कूलों के नियमों में बदलाव का दबाव बना रहे थे। कुछ समय पहले इन लोगों ने मिलकर स्कूल में प्रार्थना का ढंग बदलवा दिया।

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उन्होंने इसकी जानकारी कोरवाडीह पंचायत के मुखिया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी है। वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी कुमार मयंक भूषण ने घटना पर संज्ञान लेते हुए बताया कि विद्यालय में प्रार्थना सभा को अपने हिसाब से कराने को लेकर विद्यालय के शिक्षकों को मजबूर किए जाने की सूचना उनके पास आ गई है। वह इसकी जांच करवा रहे हैं। सरकार आदेश की नाफरमानी करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगा।

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वहीं, मामला प्रशासन तक पहुंचने के बाद गांव के मुखिया शरीफ अंसारी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी आज (सोमवार) ही मिली है। मैं मंगलवार को विद्यालय प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों की बैठक कर इसका समाधान करने का प्रयास करूंगा। किसी भी कीमत पर गंगा-जमुनी तहजीब को बरकरार रखा जाएगा।

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