देशभर के सभी कंप्यूटर पर मोदी सरकार ने अपनी निगाहें गड़ाने की पूरी तैयारी कर ली है. बता दें कि गृह मंत्रालय ने कंप्यूटर के डेटा की जांच के लिए 10 केंद्रीय एजेंसियों के अधिकार बढ़ा दिए हैं. अब किसी भी कंप्यूटर में मौजूद डेटा की जांच, जांच एजेंसियां पूर्णतया रूप से कर सकेंगी. मतलब ये कि सरकार अब सभी कंप्यूटर के डेटा को खंगाल सकती है. कई एजेंसियों को ऐसे अधिकार देने का मामला पहली बार हुआ हैं. इस बारे में कल केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने आदेश जारी किए है. हालांकि, इस मामले पर विपक्ष हमलावर है.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके मोदी सरकार पे बोला हमला
असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 10 केंद्रीय एजेंसियों को आपके कंप्यूटर पर नजर रखने का आदेश जारी किया है. आगे लिखते हुए ओवैसी ने कहा कि कौन जानता था. जब नरेंद्र मोदी ने ‘घर-घर मोदी’ कहा था, तो इसका मतलब ये होगा. उन्होंने कहा कि अब समझ में आया कि ‘घर-घर मोदी’ का मतलब लोगों के कंप्यूटर में झांकना है. उन्होने ट्वीट किया कि जॉर्ज ऑरवेल का बिग ब्रदर यहां है और 1984 में आपका स्वागत है. आपको बता दें कि साल 1948 में जॉर्ज ऑरवेल ने एक किताब लिखी थी. जिसका शीर्षक था- 1984. इस किताब में समय से आगे एक समय की कल्पना की गई है, जिसमें राज सत्ता अपने नागरिकों पर नज़र रखती है और उन्हें बुनियादी आज़ादी देने के पक्ष में भी नहीं है.
Modi has used a simple Government Order to permit our national agencies to snoop on our communications.
Who knew that this is what they meant when they said ‘ghar ghar Modi’.
George Orwell’s Big Brother is here & welcome to 1984. pic.twitter.com/DrjQkdkBKh
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2018
अहमद पटेल ने भी किया ट्वीट, कपिल सिब्बल ने कहा कुछ ऐसा
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की अनुमति देने का सरकार का आदेश नागरिक स्वतंत्रता एवं लोगों की निजी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है. एजेंसियों को फोन कॉल एवं कंप्यूटरों की बिना किसी जांच के जासूसी करने का एकमुश्त ताकत देना बहुत ही चिंताजनक है. इसके दुरुपयोग की आशंका है’. इसी मामले पर कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने कहा- ‘उच्चतम न्यायालय ने निजता को मौलिक अधिकार बताया है. भारत सरकार 20 दिसंबर की मध्यरात्रि में आदेश जारी कर कहती है कि पुलिस आयुक्त, सीबीडीटी, डीआरआई, ईडी आदि के पास यह मौलिक अधिकार होगा कि वे हमारी निजता में दखल दे सकें. देश बदल रहा है’.
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कंप्यूटर डेटा की जांच करने वाली 10 एजेंसियो के नाम
- इंटेलिजेंस ब्यूरो
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
- प्रवर्तन निदेशालय
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज
- डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस
- सीबीआई
- एनआईए
- कैबिनेट सचिवालय (रॉ)
- डायरेक्टोरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर
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