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Maha Kumbh 2025: धर्म के साथ जैव विविधता के संरक्षण का मंच बनेगा प्रयागराज महाकुंभ, जानिए क्या है सीएम योगी का प्लान

Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने महाकुंभ 2025 के दौरान धार्मिक आस्था के साथ-साथ जैव विविधता और प्रकृति संरक्षण को भी प्रमुख विषय बनाने का निर्णय लिया है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति और धर्म के बीच गहरा संबंध है, और इस सिद्धांत को महाकुंभ के माध्यम से फैलाने के उद्देश्य से बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।

प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में पहल
सरकार की योजना के अनुसार, महाकुंभ 2025 में 1-2 फरवरी को ‘बर्ड फेस्टिवल’ आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य युवाओं में वन्यजीवों और प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह आयोजन प्रकृति प्रेमियों और पर्यावरणविदों को एक मंच पर लाकर जैव विविधता के महत्व को उजागर करेगा। इस पहल के तहत पक्षियों की 90 प्रजातियों से समृद्ध प्रयागराज जिले के वेटलैंड्स का महत्व भी प्रमुखता से सामने लाया जाएगा।

इको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
इसके अतिरिक्त, बर्ड फेस्टिवल से इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। प्रदेश के वन्यजीव रिजर्व और अभयारण्यों की जानकारी को साझा करने के साथ-साथ यूपी पर्यटन और वन विभाग मिलकर राज्य के प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित एक सर्किट विकसित करेंगे। इस प्रयास से न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ेंगे, बल्कि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी।

महाकुंभ की थीम: आस्था, प्रकृति और जलवायु परिवर्तन
महाकुंभ 2025 की प्रमुख थीम ‘कुंभ की आस्था, प्रकृति संरक्षण और जलवायु’ होगी। इसके तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के साथ पैनल डिस्कशन और चर्चाएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही, साधु-संतों को भी इस चर्चा का हिस्सा बनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों को भी भाग लेने का अवसर मिलेगा। आयोजन में प्रकृति संरक्षण, पक्षी विज्ञान और वन्यजीव पर्यटन पर फोटो प्रदर्शनी और साइट विजिट की योजना भी बनाई गई है।

कुंभ के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश
प्रयागराज के महाकुंभ में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना उत्तर प्रदेश सरकार का महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि युवा पीढ़ी में प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी का अहसास भी कराएगा।

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