इंटरनेट के इस युग में साइबर क्राइम भी बड़ी ही तेजी से बढ़ रहा है। हैकर्स तरह तरह के तरीके निकाल रहे हैं, जिससे लोगों के साथ फ्रॉड किया जा सके। इसी के अन्तर्गत अभी तक किसी अनजान लिंक मैसेज पर क्लिक करने से हैकिंग का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि अब एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जहां किसी भी वेबसाइट पर विज़िट करने पर एक शख्स का फोन हैक कर लिया गया। इसी के चलते हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं।
मोरक्को में सामने आया मामला
न्यूज 18 के मुताबिक, मोरक्को के पत्रकार उमर रादी (Omar Radi) चिप लगी हुए व्हाइट कलर का आईफोन (iPhone) इस्तेमाल करते थे, ताकि उनकी सरकार उनपर नज़र रख सके। इस तरह सरकार उनकी हर ईमेल, टेक्स्ट और वेबसाइट पर भी नजर रख सकती थी। चिप लगाने का मकसद है कि वह पत्रकार की हर फोन कॉल को सुनें और कैलेंडर एंट्रीज़ को डाउनलोड करें, GPS कॉरडिनेट्स की निगरानी करें और यहां तक कि ये देखने के लिए कि फोन मौजूदा समय में कहां हैं, कैमरा और माइक्रोफोन चालू करें।
बता दें कि जैसे कि रादी को एन्क्रिप्शन और साइबर सुरक्षा में ट्रेन किया गया था, तो उसने न तो किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक किया और न ही उसे वॉट्सऐप पर कोई मिस्ड कॉल आई। इन दोनों तरीकों से फोन पर हैकिंग का खतरा रहता है। द स्टार ने Amnesty International के हवाले से लिखा कि रादी को एक नई और भयावह चोरी-छिपे तकनीक के ज़रिए टारगेट किया गया है। बताया गया कि रादी के किसी भी वेबसाइट पर जाने से उसे टारगेट किया जा सकता है।
कुछ मिनट में होता है काम
रादी के फोन पर एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा एकत्र किए गए फॉरेंसिक एविडेंस से पता चलता है कि फोन ‘नेटवर्क इंजेक्शन’ से संक्रमित थ। नेटवर्क इंजेक्शन एक फुली ऑटोमेटेड तरीका है, जहां एक हमलावर एक सेलुलर सिग्नल (cellular signal) को अवरुद्ध (intercept) करता है, जब वह किसी वेबसाइट पर जाने का अनुरोध करता है। सेकंड में वेब ब्राउज़र को एक मैलिशियस वेबसाइट पर ले जाया जाता है और स्पाइवेयर कोड डाउनलोड किया जाता है, जो फोन पर हर चीज को रिमोट एक्सेस की अनुमति देता है। फिर ब्राउज़र इच्छित वेबसाइट पर वापस भेजता और यूज़र को बेवकूफ बनाता है।
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