अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप के 2 साल पूरे हो गए हैं. इस दौरान वे काफी ज्यादा विवादों में घिरे रहे. इन 2 सालों में डोनाल्ड ट्रंप ने 8,158 झूठे या गुमराह करने वाले बयान दिए है. एक अखबार वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक कंपनी पहले साल में रोजाना औसतन 6 झूठ बोले. लेकिन, दूसरे साल में तो यह आंकड़ा 3 गुना के करीब 17 हो गया. रिपोर्ट में फैक्ट चेकर्स के डेटा का हवाला दिया गया. इस एजेंसी ने राष्ट्रपति के हर एक बयान को ट्रैक करके उसका विश्लेषण किया है.
ट्वीट करके भी किया गुमराह
रिपोर्ट में कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले साल में 2 हजार झूठ बोले थे, दूसरे साल में झूठ की संख्या 6 हजार पार कर गई. इसमें उनके ट्वीट और बयानों से मुकर जाना भी शामिल है. पहले 100 दिनों में उन्होंने 492 दावे किए थे, जिनके समर्थन में उनके पास कुछ भी ठोस नहीं था. लेकिन जनवरी 2019 के पहले 3 हफ्तों में ही उन्होंने इस आंकड़े को पार कर लिया. मध्यावधि चुनाव के भाषणों के दौरान उन्होंने 1 हजार 200 झूठे और गुमराह करने वाले दावे किए. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि हम तेजी से झूठे दावे कर रहे थे और अहम मसले पर उन्होंने ही तेजी से यू-टर्न भी ले लिया.
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82 दिन कोई झूठ नहीं बोला
रिपोर्ट के मुताबिक 82 दिन या ट्रंप के कार्यकाल का करीब 11% समय ऐसा रहा, जब फैक्ट चेकर्स ने कोई झूठ रिकॉर्ड नहीं किया. शायद, उस समय ट्रंप गोल्फ खेल रहे थे. ट्रंप ने दूसरे देशों से आने वाले लोगों या अवैध घुसपैठ पर 1 हजार 433 गुमराह करने वाले बयान दिए. विदेश नीति पर सबसे ज्यादा 900 झूठे बयान दिए. व्यापार पर 800 और रोजगार को लेकर 755 झूठे बयान दिए. चुनाव के दौरान रैलियों में 74 दिन ऐसे रहे, जब उन्होंने 30 से ज्यादा झूठ रोजाना बोले. साथ ही रूस के हस्तक्षेप पर भी बार-बार बयान बदलते रहे.
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