कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को संभल (Sambhal) में हुए बवाल के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए जाते समय गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर रोक दिया गया। संभल जाने की घोषणा के बाद प्रशासन ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और छजारसी टोल प्लाजा समेत कई जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
गाजीपुर बॉर्डर पर काफिला रोका
गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई, जहां राहुल गांधी का काफिला रोक दिया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी बहस और हल्की झड़प भी हुई। कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा, ‘सरकार हमें क्यों रोक रही है? विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी को यह जानने का अधिकार है कि देश में क्या हो रहा है। अगर नेता प्रतिपक्ष मौके पर नहीं जाएंगे तो संसद में मुद्दा कैसे उठेगा?’
#Breaking: संभल जा रहे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व अन्य कांग्रेस नेताओं को गाजीपुर बॉर्डर पर रोका गया. संभल जाने की जिद पर अड़े राहुल गांधी. @RahulGandhi I @priyankagandhi I @kcvenugopalmp I @avinashpandeinc I #RahulGandhi I #SambhalViolence I #Sambhal pic.twitter.com/vrzbUt80Fr
— Breaking Tube News (@breakingtube1) December 4, 2024
संभल में इंटरनेट बंद, बाहरी लोगों पर पाबंदी
करीब दस दिन पहले संभल के जामा मस्जिद क्षेत्र में हुए सर्वे के दौरान हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की थी। इस घटना के बाद अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और बाहरी व्यक्तियों के जिले में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया, ‘शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए 10 दिसंबर तक जिले की सीमाएं सील हैं। बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।’
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कांग्रेस नेताओं का विरोध
प्रशासन की पाबंदी के बावजूद कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को संभल पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। कांग्रेस का कहना है कि यह कदम सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करता है। पार्टी जिलाध्यक्ष विजय शर्मा ने बताया कि राहुल गांधी ने बुधवार को पीड़ित परिवारों से मिलने की घोषणा की थी।
गाजीपुर बॉर्डर, हापुड़ के छजारसी टोल प्लाजा, और अमरोहा के ब्रिजघाट पर वाहनों और संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग की जा रही है। जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात है।
पाबंदी के बाद भी पहुंच रहे राजनीतिक दल
प्रशासन ने 30 नवंबर तक पाबंदी लगाई थी, जिसे अब 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि संभल पहुंच रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी आवाज उठाना उनका अधिकार है। संभल की घटना पर बढ़ते सियासी तनाव से राज्य और केंद्र सरकार पर विपक्ष का दबाव बढ़ रहा है।
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