भारत के आजादी को 70 साल बीत चुके हैं. देश के प्रधानमंत्री देश को डिजिटल इंडिया की राह पर लेकर चल रहे हैं, लेकिन अभी भी देश के कई इलाके हैं, जहां अभी तक विकास की किरन नहीं पहुंची है. देश का ऐसा ही एक गांव हैं उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का रामपुर पट्टी गाँव जहां पहली बार बिजली आई है. जी हां जहां हम और आप पल-पल इंटरनेट और 4जी की बातें करते हैं, वहीं रामपुर पट्टी गाँव में आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची हैं.
रामपुर पट्टी गाँव के लोग काफी समय से बिजली की मांग कर रहे थे. उनकी ये लड़ाई भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने लड़ी. शलभ मणि ने गाँव में बिजली की आवश्यकता को समझते हुए शासन को पत्र लिखकर गाँव में बिजली पहुंचाने के लिए निवेदन किया. शासन ने उनकी मांग को मंजूर करते हुए गाँव में बिजली पहुंचा दी. वहीं अपने गाँव में पहली बार बिजली की रोशनी देखकर गांववाले खुशी से झूम उठे. गाँववालों ने इसके लिए शलभ मणि को धन्यवाद दिया और इस मुद्दे को शासन के समक्ष उठाने के लिए उनकी जमकर प्रशंसा भी की है.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने पहली गाँव में बिजली पहुँचने पर गांववालों को बधाई दी है. वहीं आजादी के इतने सालों बाद भी गाँव में बिजली न पहुँच पाने के लिए उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये चिंतन करने की बात है कि आजादी के इतने सालों बाद भी आखिर इस गाँव में बिजली क्यों नहीं पहुंची.
प्रदेश प्रवक्ता ने पीएम मोदी की विकास योजनाओं की जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा गरीबी क्या होती, बिजली की जरुरत क्या होती है ये चांदी का चम्मच लेकर पैदा होने वाला कभी नहीं समझ सकता, आपकी ये समस्याएं गरीब माँ का बेटा नरेंद्र मोदी ही समझ सकता है. नरेंद्र मोदी शोषितों, पीड़ितों और वंचितों के लिए काम कर रहे हैं. यहीं कारण हैं कि जो चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए उन्होंने पीएम मोदी को अपना दुश्मन मान लिया है.
बता दें, शलभ मणि त्रिपाठी जरुरतमंदो की सहायता के लिए जानें जाते हैं. अभी हाल ही का एक मामला चर्चा में रहा. सपा के सक्रिय कार्यकर्ता प्रशांत यादव ने अपने कैंसर पीड़ित पिता के लिये ट्विटर पर अध्यक्ष अखिलेश से मदद की गुहार लगाई. इससे पहले कि सपा की तरफ से कोई मदद मिलती शलभ मणि ने मदद के लिए आगे हाथ बढ़ाया. इसी तरह देवरिया का एक और किस्सा है. यहां पांडेयचक चौराहे पर रविकेश नाम का एक गरीब पान की दुकान लगाकर परिवार का पेट पालता हैं. इसे पुलिस अकारण पकड़ कर ले गयी, और छोड़ा तब जब पांच हजार की घूस मिल गई. इस शिकायत को लेकर शलभ एसएसपी यहाँ तक कि डीजीपी से मिले. नतीजतन गरीब यादव को न्याय मिला और आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया.
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