अलीगढ़: AMU में बाबरी को लेकर लगाए गए विवादित पोस्टर, मचा हड़कंप

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नाम एक बार फिर विवादों में सामने आया है। इस बार एएमयू यूनिवर्सिटी में अन्याय के खिलाफ खड़े होने और बाबरी मस्जिद का जल्द पुनर्निर्माण होगा इंशाल्लाह लिखे पोस्टर लगे पाए गए हैं। वहीं, मामले की जानकारी मिलते ही प्रोक्टोरियल टीम के जरिए कैंपस में लगाए गए पोस्टर हटवाए जा रहे हैं।

 

लाइब्रेरी परिसर और आर्ट्स फैकल्टी के पास लगाए गए पोस्टर

सूत्रों का कहना है कि एक समुदाय छह दिसंबर को काला दिवस मनाता है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को एएमयू के मौलाना आजाद लाइब्रेरी परिसर और आर्ट्स फैकल्टी सहित कई स्थानों पर अन्याय के खिलाफ खड़ होने और बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण से संबंधित पोस्टर लगाए गए थे।

 

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जानकारी के मुताबिक, यह पोस्टर स्टूडेंट्स एसोसिएशन फॉर इस्लामिक आईडियोलॉजी, एएमयू यूनिट द्वारा लगाए गए हैं। अहम बात ये सामने आई है कि एससोसिएशन ने इस तरह के पोस्टर लगाने की परमिशन प्रॉक्टर से नहीं ली।

 

प्रॉक्टोरियल टीम के सदस्यों ने हटवाए पोस्टर

सूत्रों का कहना है कि मामले की जानकारी मिलने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में खलबली मच गई है। आनन-फानन में प्रॉक्टोरियल टीम के सदस्य पोस्टर हटवाने का काम कर रहे हैं। मामले की जानकारी देते हुए एएमयू के पीआरओ ऑफिस के एमआईसी प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि पोस्टर लगाने की परमिशन नहीं ली गई है।

 

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उन्होंने बताया कि पोस्टर लगवाने में छात्र शामिल हैं या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि स्टूडेंट्स एसोसिएशन फॉर इस्लामिक आईडियोलॉजी का नाम भी कभी नहीं सुना है, प्रोक्टोरियल टीम पोस्टर हटवाने में लगी हुई है।

 

विवादों में रहती है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

बता दें कि इससे पहले यूनिवर्सिटी के 1200 कश्मीरी छात्रों ने संस्थान छोड़ने की चेतावनी दी थी। छात्र नेता सज्जाद के नेतृत्व में सभी छात्र दो अन्य छात्रों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने का विरोध कर रहे थे। उस दौरान सभी कश्मीरी छात्र देशद्रोह में फंसे 2 छात्रों के समर्थन में लामबंद हो गए थे।

 

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एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद राथर ने विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर को भेजे गये पत्र में कहा कि अगर कश्मीरी छात्रों की छवि खराब करने की कोशिशें बंद नहीं हुईं तो एएमयू के 1200 से ज्यादा कश्मीरी छात्र आगामी 17 अक्टूबर को अपनी डिग्रीयां लेकर वापस लौट जाएंगे।

 

यही नहीं, बीते दिनों में एएमयू के एसएस नार्थ का एक मामला सामने आया था। इसी हॉल में रहने वाले छात्र गनेशी लाल (एमएड) के अनुसार सुबह साढ़े पांच बजे डाइनिंग हॉल के स्टाफ मनोज का फोन आया, जिसने बताया कि जो तेल मुझे पूड़ी तलने को दिया है, वह काला और खराब है। उस तेल से पूड़ी नहीं बनाई जा सकती।

 

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इस सूचना पर मेरे अलावा विनय गोविल व अन्य छात्र डाइनिंग हॉल पहुंच गए। छात्रों ने जब पूछताछ की तो बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई। ये काला तेल वहीं था जिससे एक दिन पहले चिकन पकाया गया था। उसी गंदे तेल से सब्जी और पूड़ी तैयार की गयी है। छात्रों के मना करने के बावजूद उसी गंदे तेल से वेजिटेरियन छात्रों के लिए खाना बनाया गया।

 

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