समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार (Yogi Government) पर गंभीर आरोप लगाया है। सपा चीफ ने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। अगर नौकरियां निकालती है सरकार तो सरकार ही जानबूझकर पेपर लीक कराती है।
‘पहले दिन कार्रवाई होती तो पेपर लीक न होते’
दरअसल, सोमवार को सैफई में अखिलेश यादव मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर उन्होंने प्रदेश की सरकार पर निशाना साधा। सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब पहली बार पेपर लीक हुए थे, उसी समय एक्शन लिया गया होता तो इस तरह पेपर लीक नहीं होते। आज तो डायलॉग चल रहे हैं। अखबारों में देखिए डायलॉग हैं, सरकार के डायलॉग हैं। अगर पहले दिन ही कार्रवाई हो गई होती तो नौजवानों को नौकरियां मिल गई होतीं, नौकरियों के ये पेपर लीक नहीं होते।
Also Read: UP Police Paper leak: मायावती का योगी सरकार से सवाल, पूछा- यूपी आखिर कब पेपर लीक मुक्त प्रदेश होगा?
उन्होंने कहा कि 60 लाख के लगभग नौजवान इससे परेशान हैं। पुलिस भर्ती, आरओ और दूसरी वाली जो नौकरी निकली है, उसके भी अभ्यर्थी चाहते हैं कि दोबारा एग्जाम हो, रीएग्जाम हो। आखिरकार सरकार कर क्या रही है? जब सरकार इतना इंतजाम करती है तब पेपर लीक हो रहा है और फिर बचने के लिए कुछ भी नाम फ्लैश कर देना, छापने वाला कौन है? छापने वाले से लेकर लाने वाला कौन है? किसी सिक्योरिटी के अंदर पेपर लाए जाते हैं? क्या सरकार के लोग उसमें शामिल नहीं है?
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार पेपर छपवाती है। सरकार ही पेपर लाती है। सरकार ही डिस्ट्रिब्यूट करती है। तो कौन दे रहा है पेपर? ये सवाल सरकार से करना चाहिए। सरकार की नीयत ये है कि उन्हें नौकरी न देनी पड़े। नौकरी देनी पड़ेगी तो उसके लिए उन्हें बजट देना पड़ेगा। बजट है नहीं। तो नौकरियां निकालते हैं और नौकरियों के बहाने जो पैसा इकट्ठा करते हैं, वो भी सरकार इस्तेमाल कर रही है। कई सौ करोड़ रुपए इकट्ठा हुआ होगा। जो छात्र नौजवान गरीब हैं, वो जमीन बेचकर या अपना किराए पर लेकर, उधार लेकर के पैसा तब नौकरी के लिए आया है, फॉर्म भरा है उसने।
Also Read: UP MLC Election 2024: यूपी में विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव का ऐलान, 21 मार्च को होगा मतदान
उन्होंने पूछा कि सरकार ने कितनी नौकरियां अब तक दी होंगी और अग्निवीर जैसी व्यवस्था कौन स्वीकार करेगा। इस नौकरी को अस्थायी करने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि निवेश के नाम पर भी रोजगार देने का सरकार का वादा पूरा नहीं हो सका। बेरोजगारी से लोग परेशान हैं।