अयोध्या में विवादित भूमि (Ayodhya Disputed land) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को पूरे देश ने स्वीकारा है. हर कोई दिल से सुप्रीम फैसले को सराह रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ से हिंदू-मुस्लिम सौहार्द (Hindu-muslim Harmony) की मिसाल सामने आई है. फैसले के बाद यहां के मुसलमानों ने हिन्दुओ को गले मिलकर राम मंदिर की बधाई दी. मुसलमानों ने इस अवसर पर हिन्दुओं को मुंह मीठा किया, और फैसले को दिल से स्वीकारने की बात कही.
मेरठ क्षेत्र के हररा कस्बा में चेयर पर्सन हुस्नो बेगम के निवास पर दोनों समुदाय के लोगों ने खुशी जाहिर की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर फैसले का स्वागत किया. इस दौरान चेयर पर्सन के पति गुलजार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला का हम सभी समाज के लोग शहर स्वीकार करते हैं और सम्मान करते हैं. उन्होंने समाज के लोगों को एकजुट रहने की बात कही इस दौरान भाजपा नेता रामफूल चौहान को मिठाई भी खिलाई.
बागपत में अयोध्या पर आए फैसले के बाद हिन्दू मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी. वहीं कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए हिन्दू-मुस्लिम समाज के लोगों ने अपनी खुशी को कैमरे में कैद कर भाईचारे की मिसाल पेश की.
मुजफ्फरनगर में अयोध्या फैसले का मुस्लिमों ने स्वागत किया है. अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुफ़्ती जुल्फिकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हर शख्स के लिए स्वागत योग्य है. सुप्रीम कोर्ट ने हर तथ्य को देखकर ही यह निर्णय दिया है. वह अपील करते हैं कि दोनों समुदाय इसका शांतिपूर्वक तरीके से स्वागत करें. जमीयत उलेमा हिन्द के पश्चिमी यूपी सचिव कारी जाकिर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आपसी सोहार्द और एकता को और अधिक मजबूती देगा, ये किसी की हार-जीत से जुड़ा मामला नहीं था. फैसले का स्वागत करते हुए हम सबकी जिम्मेदारी है कि शांति और भाईचारे से इस निर्णय का स्वागत.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने शनिवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) पर फैसला (Verdict) सुनाया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 45 मिनट तक फैसला पढ़ा और कहा कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया जाए और इसकी योजना 3 महीने में तैयार की जाए. कोर्ट ने 2.77 एकड़ की विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का आदेश दिया और कहा कि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन आवंटित की जाए. कोर्ट ने साथ ही कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार तीन महीने में योजना बनाए. सीजेआई गोगोई ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम विवादित स्थान को जन्मस्थान मानते हैं, लेकिन आस्था से मालिकाना हक तय नहीं किया जा सकता. पीठ ने कहा कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है, हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है.
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