दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, लेकिन इस बात ऐसा नहीं हुआ. इस बार सूर्य ग्रहण की वजह से एक दिन बाद गोवर्धन पूजा की जा रही है. आज गोवर्धन पूजा है, जिसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जानते हैं. गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. गोवर्धन पूजा प्रकृति से प्रेम और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण का पर्व है आइए आपको बताते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि.
गोवर्धन पूजा के लिए जान लें शुभ मुहूर्त
प्रातः काल मुहूर्त: 06.29 से 08:43 तक
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ: 25 अक्टूबर, शाम 4.18 पर
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 26 अक्टूबर दोपहर 2.42 पर
गोवर्धन पूजा की विधि ?
हिन्दू धर्म में गोवर्धन पूजा का बहुत महत्व है. इसके लिए सबसे पहले गाय के गोबर से गोवर्धन का चित्र घर के आंगन में बनाया जाता है. इसके बाद गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है. इस पूजन में अक्षत, रोली, जल, दूध, बताशे, पान और केसरी फूल प्रयोग में लाए जाते हैं. गोवर्धन के चित्र के पास दीप जलाकर भगवान को याद किया जाता है. मान्यता है कि आज के दिन अगर विधि-विधान से भगवान गोवर्धन की पूजा की, तो श्रीकृष्ण पूरे साल अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
गोवर्धन पूजा के पीछे की कथा
माना जाता है कि ब्रज के लोगों पर जब भगवान इंद्र का प्रकोप बढ़ा, तो उनकी रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली से ही विशाल गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था, ताकि उसके नीचे हजारों जीव-जतुं और मनुष्य आसरा ले सकें. इंद्र के घमंड को चूर करने के लिए प्रभु ने अपनी दिव्य लीला दिखाई थी और गोवर्धन पर्वत की पूजा भी की थी. तभी से हर साल इस दिन पर लोग अपने घरों में गोवर्धन बनाते हैं.
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