फतेहपुर जिले के हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में हाल ही में हुए तिहरे हत्याकांड ने पुलिसिंग व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। इस दर्दनाक वारदात के बाद अब बीट पुलिसिंग व्यवस्था में अहम बदलाव किए गए हैं। अधिकारियों ने बीट पुलिस को और अधिक जिम्मेदार और सक्रिय बनाने के लिए नई कार्यप्रणाली लागू की है।
बीट पुलिस को मिलेगा ‘बस्ता’
अब बीट पुलिस अधिकारी बिल्कुल राजस्व विभाग के लेखपाल की तरह काम करेंगे। उन्हें एक ‘बस्ता’ (फाइल) सौंपा जाएगा, जिसमें उनके क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर, वर्तमान अपराधी, NCR रिपोर्ट्स, यूपी-112, 1090 की शिकायतें, रजिस्टर नंबर आठ में दर्ज मामले और पुलिस कार्रवाई से संबंधित सारे दस्तावेज शामिल रहेंगे। इस बस्ते की मदद से बीट अधिकारी अपने क्षेत्र में अपराध नियंत्रण और निगरानी को और प्रभावी बना पाएंगे।
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क्षेत्र से जुड़ी जानकारी देगी पुलिस
बीट अधिकारी अब अपने क्षेत्र से जुड़ी भूमि विवाद, जातिगत तनाव, सांप्रदायिक मुद्दे, जुआ, सट्टा, अवैध शराब और नशे की बिक्री जैसी गतिविधियों को दर्ज करके थाने को अवगत कराएंगे। यह जानकारी बीट पुस्तिका में दर्ज की जाएगी, जिससे समय रहते कार्रवाई की जा सके।
तीन लोगों की चुनावी रंजिश में हुई थी हत्या
बता दें कि हथगाम क्षेत्र के अखरी गांव में हाल ही में चुनावी रंजिश के चलते तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई थी। मौके पर पहुंचे एडीजी जोन भानु भास्कर और आईजी रेंज प्रेम गौतम ने जांच के दौरान पाया कि बीट पुलिसिंग की व्यवस्था लचर थी। इसके बाद बीट प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई निर्देश जारी किए गए।
बीट पुलिस अधिकारी बनाएंगे व्हाट्सएप ग्रुप
बीट अधिकारी अब अपने-अपने क्षेत्र में व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगे, जिसमें विभिन्न धर्म, जाति और व्यवसाय से जुड़े संभ्रांत नागरिकों को जोड़ा जाएगा। इन समूहों में ग्राम प्रधान, चौकीदार, डिजिटल वालंटियर, आशा बहू, रिटायर्ड कर्मचारी और व्यापारी शामिल होंगे। बीट अधिकारी इन लोगों के साथ हर माह बैठक करेंगे और प्राप्त सूचनाओं के आधार पर त्वरित जांच करेंगे।
जिम्मेदारों की होगी हर महीने समीक्षा
बीट पुलिसिंग की समीक्षा अब जिले के एसपी, एएसपी और सीओ स्तर के अधिकारी करेंगे। इसके लिए बीट बुक का सहारा लिया जाएगा। बीट और हल्का कर्मचारी की नियुक्ति अनिवार्य रूप से एक वर्ष के लिए होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में एक बीट में लगभग चार हजार और शहरी क्षेत्रों में करीब छह हजार लोगों की आबादी को शामिल किया जाएगा।
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महिला पुलिसकर्मियों को भी मिलेगा मौका
स्थानीय और भौगोलिक स्थिति के अनुसार महिला पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी बीट पुलिस अधिकारी के रूप में लगाई जाएगी, ताकि महिला अपराधों पर भी त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
एडीजी भानु भास्कर ने कहा
एडीजी जोन प्रयागराज भानु भास्कर ने कहा कि बीट पुलिसिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से इन बदलावों को लागू किया गया है। इससे अपराधों पर नियंत्रण पाने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर के पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
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