उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित पशुधन विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले (Pashudhan Scam) पर सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 आईपीएस अधिकारियों दिनेश चंद्र दुबे और अरविंद सेन को संस्पेशन लेटर थमा दिया। वहीं, अब इस घोटाले में फरार डीआईजी अरविंद सेन (DIG Arvind Sen) पर इनाम घोषित होने के बाद एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की टीमें भी तलाश में जुट गई हैं। अरविंद सेन पर सोमवार की रात को ही 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है।
डीआईजी की संपत्ति कुर्क करने की अर्जी
वहीं, पुलिस डीआईजी अरविन्द सेन को भगोड़ा घोषित करने और सम्पत्ति कुर्क करने के लिये बुधवार यानी कि आज कोर्ट में अर्जी देगी। इस फर्जीवाड़ा में अरविन्द सेन के खिलाफ सबूत मिलने के बाद शासन ने उन्हें निलम्बित कर दिया था। इस मामले में पुलिस के काफी दबिश देने के बाद भी अरविन्द सेन हाथ नहीं लगे।
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एसीपी श्वेता श्रीवास्तव ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित करने की संस्तुति पुलिस कमिश्नर से की थी। इनाम घोषित होने के बाद एसटीएफ की 2 टीमें मंगलवार को अंबेडकरनगर और अयोध्या पहुंची। सर्विलांस से मिली जानकारी के आधार पर 2 लोगों से पूछताछ की गई। वहीं, क्राइम ब्रांच भी अरविंद सेन की तलाश में लगा दी गई है।
यह टीम डीआईजी अरविंद सेन के संपर्क में रहने वालों का ब्योरा जुटा रही है। साथ ही यह भी पता लगा रही है कि अरविंद सेन फरार होनों के दौरान कहां-कहां छिपे रहे। मिली जानकारी के मुताबिक, अरविंद सेन को शरण देने में अयोध्या के एक नेता को पुलिस ने रडार पर ले रखा है।
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दावा किया जा रहा है कि फरार होने में इस नेता ने अरविंद सेन की काफी मदद की है। अरविन्द के परिवार से इस नेता बेहद करीबी सम्बन्ध रहा है। यह नेता बीते कुछ समय में कई बार लखनऊ और अयोध्या आया जाया गया है।
क्या था पशुधन घोटाला
2012-13 में पशुधन अधिकारियों की भर्ती में हुए घोटाले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर एसआईटी ने भर्ती में घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांच में पाया गया कि भर्ती में मनमाने तरीके से मानकों को दरकिनार किया गया। प्रदेश भर में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की हुई भर्ती में मनपसंद अभ्यर्थियों को चुना गया। योगी सरकार ने 28 दिसंबर, 2017 को मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी।
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