उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 50 से कम छात्रों वाले सरकारी स्कूलों (UP Government Schools) का आसपास के स्कूलों में विलय करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों पर लागू होगा। पहले ही राज्य में करीब 28,000 प्राथमिक स्कूल बंद किए जा चुके हैं और अब यह कदम स्कूलों की संख्या में और कमी ला सकता है।
1) मामला क्या है?
- यूपी सरकार ने 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के विलय का निर्णय लिया है।
- क्लास 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मिलाया जाएगा।
- पहले ही लगभग 28,000 प्राथमिक स्कूल बंद हो चुके हैं।
- 70% से अधिक हेडमास्टर अब भी स्थायी नहीं हैं।
2) क्या होगा असर?
- लगभग 5,000 से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हो सकते हैं।
- सरकारी स्कूलों की संख्या घटेगी, जिससे निजी स्कूलों का दायरा बढ़ेगा।
- कई शिक्षकों के पद समाप्त हो सकते हैं।
- पद कम होने से कक्षा संचालन में दिक्कतें आएंगी।
- भविष्य में शिक्षक भर्ती पर रोक लग सकती है।
- छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
3) सरकार का पक्ष
- इस कदम का उद्देश्य पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारना है।
- शिक्षकों व संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
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4) शिक्षकों का विरोध
- इसे शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन बताया गया है।
- यह बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है।
- शिक्षक संगठनों ने सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है।
- यदि फैसला वापस नहीं लिया गया तो कोर्ट जाने की चेतावनी दी गई है।