बरेली में उत्तराखंड के सीएम धामी बोले- अब कोई आफताब, किसी श्रद्धा के टुकड़े नहीं कर सकता..

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) संविधान का मूल आधार है। इसे लागू करके राज्य ने संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। इस कानून से तीन तलाक, हलाला जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगेगी और लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण के कारण श्रद्धा हत्याकांड जैसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि अब कोई आफताब किसी श्रद्धा को जाल में फसाकर टुकड़े-टुकड़े नहीं कर सकता। उन्होंने साथ यह भी कहा कि भूमि की नदियों की तरह यह कानून भी पूरे भारत में प्रवाहित हो।

बरेली में हुआ मुख्यमंत्री धामी का भव्य स्वागत

उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने पर बरेली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भव्य स्वागत किया गया। इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में आयोजित सम्मान समारोह में उन्होंने बताया कि मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून के लिए आभार जताया है। उन्होंने कहा कि अब किसी भी महिला को मामूली बातों पर तीन तलाक कहकर घर से बाहर नहीं निकाला जा सकता और श्रद्धा हत्याकांड जैसी घटनाएं नहीं होंगी।

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पीएम मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक निर्णय

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सशक्त भारत की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की प्रेरणा से उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। यह कानून सभी के लिए समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

‘धाकड़ सीएम’ कहे गए धामी

इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और बरेली के मेयर उमेश गौतम ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ‘धाकड़ सीएम’ बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के कई महत्वपूर्ण देवस्थलों को सार्वजनिक करने का साहस मुख्यमंत्री धामी ने किया है। आदि कैलाश सहित अन्य धार्मिक स्थलों को पर्यटन से जोड़ा गया, जिससे लोगों को उनके दर्शन का अवसर मिल सका। उन्होंने कहा कि जो कानून लागू हुआ वह असंभव प्रतीत हो रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने इसे साकार कर दिखाया।

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‘सपने के सच होने जैसा’ – प्रोफेसर हरिवंश दीक्षित

कानूनविद् प्रो. हरिवंश दीक्षित ने कहा कि यूसीसी लागू होना एक सपने के सच होने जैसा है। जब संविधान निर्माताओं ने देश का संविधान बनाया था, तब उन्होंने समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया था। हालांकि, तत्कालीन सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के चलते इसे लागू करने में रुचि नहीं दिखाई।

‘ऐतिहासिक कदम, अन्य राज्यों को लेना चाहिए सबक’

भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य ने कहा कि वोटों के ध्रुवीकरण के दौर में यूसीसी लागू करना एक साहसिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से पहले कई नेता यह कहते थे कि प्राकृतिक और आर्थिक संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, लेकिन पीएम मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र अपनाया और अब मुख्यमंत्री धामी ने इसे साकार कर दिखाया। उन्होंने कहा कि धामी देश के पहले मुख्यमंत्री बने जिन्होंने समान नागरिक संहिता को लागू कर समानता की मिसाल पेश की।

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