खुदरा महंगाई दर 2.57 फीसदी पहुंचने के बाद अब थोक महंगाई दर ने कमर तोड़ दी है. आकड़ों के अनुसार फरवरी महीने में थोक महंगाई दर बढ़कर 2.93 फीसदी पर पहुंच गयी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार थोक महंगाई दर में बढ़ोत्तरी का कारण ईंधन, बिजली एवं प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में उछाल माना जा रहा है. बता दें कि जनवरी माह में महंगाई दर 2.76 प्रतिशत थी.
खाने-पीने की चीजों के बढ़ें दाम
थोक महंगाई दर की मार सबसे ज्यादा खाने-पीने की चीजों पर पड़ी है. आकड़ों के अनुसार प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी के 3.54 फीसदी की तुलना में फरवरी में बढ़कर 4.84 फीसदी पर पहुंच गयी. प्राथमिक वस्तुओं में आलू, प्याज, फल और दूध जैसे रसोई के आवश्यक सामान शामिल हैं जिनकी खरीददारी हर रोज की जाती है. इस दौरान ईंधन एवं बिजली की मुद्रास्फीति 2.23 फीसदी बढ़ गयीं. जनवरी महीने में इसमें 1.85 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
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खुदरा महंगाई दर ने भी तोड़ा रिकॉर्ड
थोक महंगाई दर से पहले खुदरा मंहगाई दर भी झटका दे दिया है. खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ोत्तरी के बाद खुदरा महंगाई की दर 2.57 फीसदी पहुंच गई है जो पिछले चार महीने का उच्च स्तर है. इससे पहले जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई दर 1.97 फीसदी रही थी, जो 19 महीने का निचला स्तर था, जबकि फरवरी 2018 में यह 4.44 फीसदी रही थी. बता दें कि अर्थशास्त्रियों ने फरवरी में खुदरा महंगाई दर 2.43 फीसदी रहने का अनुमान जताया था जो अनुमान से ज्यादा निकली.
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वहीं आधिकारिक आकड़ों के अनुसार फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 0.66 फीसदी नीचे रही. जनवरी माह की तुलना करें तो शून्य से 2.24 फीसदी नीचे के मुकाबले मजबूत हुई है. इससे पहले नवंबर, 2018 में मुद्रास्फीति शून्य से 2.33 फीसदी के निचले स्तर पर थी। इससे पहले, नवंबर 2018 में सबसे कम महंगाई दर 2.33 फीसदी रही थी.
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