उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत एसीएस/प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के 59 अफसरों को 75 जिलों में वरिष्ठ नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है. ये सभी नोडल अधिकारी एक हफ्ते संबंधित जिले में प्रवास करेंगे.
दरअसल, सीएम योगी ने टीम-9 के साथ अपने सरकारी आवास पर कोरोना वायरस संक्रमण पर समीक्षा बैठक के दौरान सभी को अब गांवों पर अधिक फोकस करने का निर्देश दिया. इसी क्रम में 75 जिलों में 59 अफसरों को नोडल अफसर बनाया गया है. अपर मुख्य सचिव के साथ ही प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी गांवों में बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगाने के प्रयास में जिला प्रशासन के कार्य पर नजर रखेंगे. नोडल अधिकारी रोज जिलाधिकारी तथा सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात जिला प्रशासन के अधिकारी से रोज रिपोर्ट लेंगे.
यह सभी जिलों में एक सप्ताह तक प्रवास करेंगे. यह लोग कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपाय सुझाने के साथ सीएचसी व पीएचसी में ऑक्सिजन बेड की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के जिला प्रशासन के कार्यों का निरीक्षण करेंगे. एक सप्ताह के निरीक्षण के बाद आकर यह सभी शासन को अपनी रिपोर्ट देंगे. शासन ने टी वेंकटेश को अयोध्या,राजन शुक्ला को महराजगंज, डिम्पल वर्मा को हरदोई, हेमंत राव को इटावा व औरैय्या, बीएल मीना को मूजफ्फरनगर व शामली, प्रभात सरंगी को एटा व हाथरस, सुरेश चंद्रा को बरेली, सुधीर गर्ग को प्रतापगढ़, भुवनेश कुमार को जौनपुर तथा बी हेकाली झिमोमी को देवरिया का नोडल अफसर बनाया गया है.
गांवों में कोरोना से बचाव के लिए काम कर रही हैं निगरानी समितियां
यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना महामारी को रोकने के लिये निगरानी समितियां बनाई गई हैं. गांव-गांव में कोरोना वायरस के खात्मे के लिये योगी सरकार के निर्देशों पर 60 हजार निगरानी समितियां दिन-रात मेहनत कर रही हैं. ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के मूलमंत्र पर समितियों के 4 लाख सदस्य प्रतिदिन हर घर तक पहुंच रहे हैं. जांच के दौरान बीमारी के लक्षण वाले लोगों को तत्काल इलाज दिया जा रहा है, जो घरों में आईसोलेट नहीं रह सकते हैं, उनको गांव के ही विद्यालयों, सामुदायिक केन्द्रों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज की मुफ्त सुविधाएं दी जा रही है.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )