क्या है ? आखिर चंद्र ग्रहण की असली वजह

 

 

27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण लगेगा। यह खूबसूरत खगोलीय घटना भारत समेत पूरे एशिया में दिखाई देगी। चंद्र ग्रहण के दौरान चांद लाल रंग का दिखेगा। जिसकी वजह से इसे ब्लड मून कहा जाता है। यह चंद्र ग्रहण सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा। लगभग 1 घंटे 43 मिनट की अवधि के दौरान चांद दिखाई नहीं देगा। यह चंद्र ग्रहण का बेहतरीन नजारा देश के कई हिस्सों में देखने को मिलेगा। लेकिन क्या आपको पता है कि इसे लेकर दुनियाभर में कौन-कौन से अंधविश्वास हैं। यदि नहीं तो आज हम आपको उसके बारे में बताते हैं।

 

 

 

चंद्र गहण का अंधविश्वास
ईसाई धर्म में कुछ लोगों का मानना है कि ब्लड मून स्वर्ग का एक भविष्यसूचक है। जिसका मतलब होता है कि पृथ्वी पर जीवन खत्म होने वाला है।

 

 

 

लॉस एंजिलिस के ग्रिफिथ ऑब्सरवेटरी के निदेशक ईसी कप्पा ने बताया कि एक अमेरिकी जनजाति का मानना है, चांद की 20 पत्नियां और बहुत सारे पालतू हैं जिनमें बहुत से शेर और सांप थे। जब चांद उन सभी को पर्याप्त भोजन मुहैया करवाने में अक्षम रहा तो उन्होंने उसपर हमला कर दिया। जिसकी वजह से उससे खून निकलने लगा। ग्रहण तब खत्म हुआ जब पत्नियों ने उसके खून को इकट्ठा किया और उसके स्वास्थ्य को ठीक किया।

 

 

 

कैलिफोर्निया की लुईसेनो जाति का मानना है कि ग्रहण इस बात का सूचक है कि चांद की तबियत खराब है। इसी वजह से जनजाति के सदस्य चांद की हालत में सुधार लाने के लिए भजन गाते हैं और प्रार्थना करते हैं।

 

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