उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) प्रकरण में फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (KGBV) में नौकरी दिलाने वाले गैंग का पर्दाफाश कर दिया है. एसटीएफ ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एसटीफ ने फर्रूखाबाद में तैनात सहायक अध्यापक के साथ जौनपुर और हरदोई के बेसिक शिक्षा विभाग के दफ्तर में तैनात दो बाबुओं को गिरफ्तार किया है. इनके पास एक लाइसेंसी पिस्टल के साथ बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं.
यूपी एसटीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि अनामिका शुक्ला प्रकरण में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर शिक्षक के पद पर नौकरी दिलाने वाले गैंग का भंडाफोड़ करने के साथ ही तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस गैंग का सरगना मैनपुरी का मूल निवासी और फर्रूखाबाद में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात पुष्पेन्द्र सिंह उर्फ राज उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी पुत्र महराम सिंह है. फर्जी दस्तावेज से नौकरी दिलाने के लिए यह कई नाम से कई जिलों में पैसा लेकर सरकारी नौकरी दिलाने के लिए जाना जाता रहा.
पूछताछ में पुष्पेंद्र ने बताया कि वह खुद फर्रुखाबाद में फर्जी टीचर बनकर सुशील के नाम से 2014 से नौकरी कर रहा है. पुष्पेंद्र ने बताया कि 2010 में उसकी मुलाकात बेसिक शिक्षा कार्यालय हरदोई में तैनात प्रधान लिपिक रामनाथ से हुई थी. रामनाथ ने पुष्पेंद्र की मुलाकात जौनपुर में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद से कराई. जौनपुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन पत्र व शैक्षिक दस्तावेज आनंद सिंह की कस्टडी में होता था.
काउंसिलिंग में शामिल न होने पर अनामिका के दस्तावेज आनंद सिंह ने रामनाथ को उपलब्ध करा दिए. रामनाथ ने पुष्पेंद्र की मदद से बबली को अनामिका बनाकर अलीगढ़ में और बबली की ननद सरिता को अनामिका बनाकर प्रयागराज में, दीप्ति को वाराणसी में, प्रिया को कासगंज में 2-2 लाख रुपये लेकर नौकरी दिलाई थी. पुष्पेंद्र ने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से फर्जी तरीके से नौकरी दिला दी थी। इस मामले में अन्य की भी तलाश की जा रही है.
कई अनामिका आईं सामने
बता दें कि गोंडा की रहने मेधावी अनामिका शुक्ला के मार्कशीट और प्रमाणपत्र पर प्रदेश के 25 जिलों में फर्जी अनामिका नौकरी कर रही थी. फर्जी नौकरी करने वाली कई अनामिका अब तक पकड़ी जा चुकी हैं. इस गैंग ने प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, बागपत, कासगंज, सहारनपुर, अम्बेडकरनगर और अलीगढ़ सहित कई दर्जन जिलों में फर्जी दस्तावेज पर नौकरी दिलाने का काम किया है.
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