प्रशांत पटेल उमराव
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लखनऊ खंड स्नातक का चुनाव परिणाम रविवार को घोषित कर दिया गया। लखनऊ खंड स्नातक क्षेत्र से बीजेपी के अवनीश कुमार सिंह ने 18 साल से जीत रहीं कांति सिंह के विजय रथ को रोकर बड़ी जीत जीत दर्ज की है। 11 सीटों पर हुए इस चुनाव में भाजपा के हाथ 6 सीट लगी हैं. वहीं, 2 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने कब्जा जमाया है। शेष 3 सीटें सपा की झोली में गयी हैं। भाजपा की इस बंपर जीत का श्रेय पार्टी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह को जाता है, बात चाहें रणनीति बनाने की या उसे धरातल पर उतारने की, हर मोर्च पर स्वतंत्र देव सिंह उत्तीर्ण हुए।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओपी शर्मा और स्नातक संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर विधानपरिषद के इस सियासी चक्रव्यूह को रचने के महारथी थे इसी वजह से ओपी शर्मा का 48 साल और स्नातक में पुंडीर का 24 साल से अधिक वर्चस्व रहा जिसे तोड़ने का कार्य भाजपा नें किया है।
शिक्षक क्षेत्र की भांति पांच खण्ड स्नातक क्षेत्रों में भी भाजपा नें बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मेरठ खंड स्नातक क्षेत्र से भाजपा के दिनेश गोयल नें हेम सिंह पुंडीर के 24 साल से चले आ रहे वर्चस्व को तोड़ा है। आगरा खंड स्नातक में भी भाजपा के डॉ मानवेन्द्र प्रताप सिंह नें जीत प्राप्त की है।
स्नातक क्षेत्रों में भाजपा को सबसे बड़ी जीत लखनऊ क्षेत्र में प्राप्त हुई है। यहां भाजपा प्रत्याशी अवनीश कुमार सिंह नें कांति सिंह पत्नी एसपी सिंह को बड़े अंतर से हारकर इस परिवार के 18 साल से चले आ रहे राज को समाप्त किया है। प्रारंभ में यह सीट भाजपा के लिए कठिन मानी जा रही थी परंतु स्वतंत्रदेव सिंह के माइक्रो मैनेजमेंट और अवनीश सिंह द्वारा बूथ लेवल तक बनाये गए वोटरों नें असंभव को भी सम्भव कर दिखाया है।
नवंबर माह में हुए सात सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में भी स्वतंत्रदेव सिंह की कार्यक्षमता, कुशलता और नेतृत्व नें भाजपा को छह सीटों पर विजय दिलाई थी।
भाजपा अध्यक्ष नेें इस बार बहुत ही बारीकी से एमएलसी चुनाव पर अपनी निगाह काबिज़ कर दी बहुत ही संगठित तरीके से एमएलसी चुनाव की रूपरेखा तैयार की गई ठीक वैसे ही जैसे किसी बड़े चुनाव की तैयारी की जाती है।
इस चुनावी चौसर को जीतने के लिए स्वतंत्र देव सिंह ने सांसद, पूर्व सांसद, विधायक और जिन लोगों ने पूर्व में एमएलसी चुनाव जीते हैं उन लोगों को अपनी टीम में शामिल किया इसके अलावा कार्यकर्ताओं की एक विशेष टीम बनाई जिन्होंने एक जागरूकता अभियान चलाया उस जागरूकता अभियान की निगरानी में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के नेताओं को लगाया गया इसके अलावा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने जिन सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत ही अच्छे तरीके से ग्राउंड स्तर तक किया है योजनाओं का खूब प्रचार प्रसार किया गया।
शायद सरकार ने उतना प्रचार-प्रसार उन योजनाओं का नहीं किया गया होगा जितना कि एमएलसी चुनाव में एक-एक घर तक यह बताने की कोशिश की गई कि भाजपा केवल वादे और दावे नहीं करती बल्कि उनका एग्जीक्यूशन भी पार्टी की जिम्मेदारी है और जब संगठन सक्रिय हो गया सरकारी योजनाएं बहुत ही शानदार तरीके से ग्राउंड पर सफल हो रही हैं और उसके बाद कोई भी चुनाव जीतना आसान हो जाता है।
शिक्षक और स्नातक क्षेत्र विधान परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नें अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। शिक्षक कोटे की छह सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा नें 4 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे जिसमें तीन सीटों पर विजय मिली है। सबसे बड़ी जीत मेरठ-सहारनपुर क्षेत्र में मिली जहां भाजपा नें 48 साल से चले आ रहे ओम प्रकाश शर्मा के चक्रव्यूह को तोड़ दिया, और यहां भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा नें जीत प्राप्त की है। प्रारम्भ में उनको स्वयं विश्वास नहीं था कि जिस मैदान में वह कूद रहे हैं वहां उनकी विजय निश्चित है या नहीं लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने संगठन की सक्रियता देखी वैसे-वैसे उनको अपनी जीत के बारे में पूर्ण विश्वास हो गया। उत्तर प्रदेश में करीब 6 एमएलसी सीटों पर शिक्षक संघ का दबदबा रहता था लेकिन इस बार दबदबा भाजपा का है। लखनऊ खंड शिक्षक क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशियों उमेश द्विवेदी और बरेली-मुरादाबाद खण्ड शिक्षक सीट से डॉ हरि सिंह ढिल्लो नें जीत प्राप्त की है।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओपी शर्मा और स्नातक संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर विधानपरिषद के इस सियासी चक्रव्यूह को रचने के महारथी थे इसी वजह से ओपी शर्मा का 48 साल और स्नातक में पुंडीर का 24 साल से अधिक वर्चस्व रहा जिसे तोड़ने में भाजपा सफल रही।
शिक्षक क्षेत्र की भांति पांच खण्ड स्नातक क्षेत्रों में भी भाजपा नें बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मेरठ खंड स्नातक क्षेत्र से भाजपा के दिनेश गोयल नें हेम सिंह पुंडीर के 24 साल से चले आ रहे वर्चस्व को तोड़ा है। आगरा खंड स्नातक में भी भाजपा के डॉ मानवेन्द्र प्रताप सिंह नें जीत प्राप्त की है।
स्नातक क्षेत्रों में भाजपा को सबसे बड़ी जीत लखनऊ क्षेत्र में प्राप्त हुई है। यहां भाजपा प्रत्याशी अवनीश कुमार सिंह नें कांति सिंह पत्नी एसपी सिंह को बड़े अंतर से हारकर इस परिवार के 18 साल से चले आ रहे राज को समाप्त किया है। प्रारम्भ में यह सीट भाजपा के लिए कठिन मानी जा रही थी परंतु स्वतंत्रदेव सिंह के माइक्रो मैनेजमेंट और अवनीश सिंह द्वारा बूथ लेवल तक बनाये गए वोटरों नें असंभव को भी सम्भव कर दिखाया है।
नवंबर माह में हुए सात सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में भी स्वतंत्रदेव सिंह की कार्यक्षमता, कुशलता और नेतृत्व नें भाजपा को छह सीटों पर विजय दिलाई थी।
भाजपा अध्यक्ष नेें इस बार बहुत ही बारीकी से एमएलसी चुनाव पर अपनी निगाह काबिज़ कर दी बहुत ही संगठित तरीके से एमएलसी चुनाव की रूपरेखा तैयार की गई ठीक वैसे ही जैसे किसी बड़े चुनाव की तैयारी की जाती है।
इस चुनावी चौसर को जीतने के लिए स्वतंत्र देव सिंह ने सांसद, पूर्व सांसद, विधायक और जिन लोगों ने पूर्व में एमएलसी चुनाव जीते हैं उन लोगों को अपनी टीम में शामिल किया इसके अलावा कार्यकर्ताओं की एक विशेष टीम बनाई जिन्होंने एक जागरूकता अभियान चलाया उस जागरूकता अभियान की निगरानी में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के नेताओं को लगाया गया इसके अलावा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने जिन सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत ही अच्छे तरीके से ग्राउंड स्तर तक किया है योजनाओं का खूब प्रचार प्रसार किया गया।
शायद सरकार ने उतना प्रचार प्रसार उन योजनाओं का नहीं किया गया होगा जितना कि एमएलसी चुनाव में एक-एक घर तक यह बताने की कोशिश की गई कि भाजपा केवल वादे और दावे नहीं करती बल्कि उनका एग्जीक्यूशन भी भाजपा की जिम्मेदारी है और जब संगठन सक्रिय हो गया सरकारी योजनाएं बहुत ही शानदार तरीके से ग्राउंड पर सफल हो रही हैं और उसके बाद कोई भी चुनाव जीतना आसान हो जाता है।
(लेखक, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं)
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