योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने उत्तर प्रदेश के 52 आईपीएस अधिकारियों (52 IPS Officers) को पदोन्नति देने का फैसला किया है। मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इनमें 1996 व 2003 बैच के सात-सात और 2007 बैच के दस आईपीएस अफसरों को प्रोन्नति देने पर सहमति दे दी है। वहीं, 2017 बैच के 16 अफसरों को एसपी बनाने पर सहमति बनी है। 2008 बैच के अफसरों को सलेक्शन ग्रेड दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, इसमें 1996 बैच के कुल सात अफसरों को प्रोन्नत करने पर सहमति बनी है। चूंकि एडीजी के चार पदों पर वैकेंसी मंजूर हुई है, इसलिए ए. सतीश गणेश (आईजी आगरा), ज्योति नारायण (आईजी कानून व्यवस्था), नवनीत सिकेरा (आईजी बजट) व विजय प्रकाश (फायर सर्विसेस) को आईजी से एडीजी पद पर तैनाती मिलेगी।
शेष तीन अफसरों अमिताभ यश, विजय सिंह मीना व एन रविंदर को वैकेंसी आने पर तैनाती दी जाएगी। वहीं, 2007 बैच के अमित पाठक (एसएसपी वाराणसी), जोगेंद्र कुमार (एसएसपी गोरखपुर), विनोद कुमार (एसपी कुशीनगर), रवि शंकर छवि (एसपी वीमेन पावर), प्रतिभा अंबेडकर (एसपी तकनीकी सेवा), नितिन तिवारी (डीसीपी नोएडा), अनिल कुमार सिंह (एसपी एससीआरबी) व डीजीपी मुख्यालय में तैनात पंकज कुमार, गोपेश खन्ना, अशोक कुमार तृतीय को एसपी से डीआईजी के पद पर प्रोन्नति देने पर सहमति बनी है।
वहीं, 2008 बैच के 12 आईपीएस अफसरों को सेलेक्शन ग्रेड दिया गया है और 2017 बैच के 16 अफसरों को एएसपी से एसपी बनाने पर सहमति बनी है। 2003 बैच के कुल नौ अधिकारियों के नाम पर चर्चा हुई। इनमें मोदक राजेश डी राव (डीआईजी गोरखपुर), विनय कुमार यादव (डीआईजी अभियोजन), हीरा लाल (डीआईजी ईओडब्ल्यू), संजय कुमार (डीआईजी पीटीएस), शिव शंकर सिंह (डीआईजी पीटीसी), राकेश सिंह (डीआईजी देवीपाटन) व राजेश पांडेय (डीआईजी बरेली) के नाम शामिल हैं जबकि अरविंद सेन व दिनेश चंद्र दुबे का लिफाफा बंद रखा गया है। दोनों पर भ्रष्टाचार व अनियमितता के आरोप को लेकर जांच चल रही है और दोनों निलंबित हैं।
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