कल यानी कि रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने काशी कॉरिडोर के लोकार्पण के पहले कुछ ऐसा दावा किया जिसकी वजह से वो एक बार फिर से सुर्खियों में आ गये. दरअसल उन्होने कहा कि काशी कॉरिडोर परियोजना की शुरुआत अगर किसी ने की थी तो वह समाजवादी पार्टी की सरकार ही थी. जिसके बाद अब योगी सरकार ने अखिलेश यादव की इस बात को करारा जवाब देते हुए इस दावे को झुठला दिया है.
योगी सरकार ने दिया जवाब
जानकारी के मुताबिक, रविवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा करते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शुरुआत समाजवादी पार्टी ने की थी. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हो तो हम दस्तावेज भी दे सकते हैं, क्योंकि इस बार हम सबूत के साथ बात करेंगे. उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है कि प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने से बच जाए. अखिलेश ने कहा कि यह सब व्याकुल होकर किया जा रहा है.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी:
– सपा सरकार में करोड़ों का आवंटन हुआ
– सपा सरकार में कॉरिडोर हेतु भवनों का अधिग्रहण शुरू हुआ
– मंदिरकर्मियों के लिए मानदेय तय किया गया‘पैदलजीवी’ बताएं कि सपा सरकार के वरुणा नदी के स्वच्छता अभियान को क्यों रोका और मेट्रो का क्या हुआ।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 12, 2021
इस बात का जवाब देते हुए योगी सरकार ने कहा कि, ”#InfoUPFactCheck: श्री काशी विश्वनाथ धाम के विकास को लेकर 2012 से 2017 के दौरान कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं की गई. पूर्व की सपा सरकार के दौरान श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर प्रस्ताव पास होने का दावा पूर्णतः गलत है. कृपया भ्रामक सूचनाएं सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से बचें.”
#InfoUPFactCheck: श्री काशी विश्वनाथ धाम के विकास को लेकर 2012 से 2017 के दौरान कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं की गई।
पूर्व की सपा सरकार के दौरान श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर प्रस्ताव पास होने का दावा पूर्णतः गलत है।
कृपया भ्रामक सूचनाएं सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से बचें। pic.twitter.com/frHaPWKZ3j
— Info Uttar Pradesh Fact Check (@InfoUPFactCheck) December 12, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट था काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट था. इसे मूर्त रूप देने के लिए योगी सरकार कैबिनेट की 9 बैठकें अलग अलग समय पर कीं. इन्हीं बैठकों में परियोजना के विभिन्न चरणों को मंजूरी दिलाई गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के इस महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई कसर नहीं छोड़ी. धर्मार्थ कार्य विभाग के माध्यम से इस योजना को जमीन उतारने की शुरुआत 19 जून 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक से हुई.
इसी बैठक में श्री काशी विशिष्ट क्षेत्र विकास प्राधिकरण वाराणसी अध्यादेश 2018 को मंजूरी दी गई, जिसके जरिए उसका नाम श्री काशी विश्वनाथ क्षेत्र विकास परिषद रखा गया. इसके बाद चार सितंबर 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में मंदिर विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण योजना के तहत खरीदी जाने वाली भूमि व भवनों में सेवाइत संपत्तियों के विनिमय के लिए नीति का निर्धारण किया गया. इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा कराने में धर्मार्थ कार्य विभाग व गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की भी अहम भूमिका रही.
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