देश के मौलवी कुरान और संविधान के प्रावधान व निर्देशों के खिलाफ महिलाओं का दमन कर रहे हैं। केरल (Kerala) के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Governor Arif Mohammad Khan) का ऐसा कहना है। मल्लापुरम जिले में एक मदरसे के उद्घाटन के दौरान स्टेज पर एक मुस्लिम लड़की को सम्मानित करने के लिए बुलाए जाने पर मुस्लिम विद्वान व इस्लामिक शिक्षा बोर्ड समस्था के उपाध्यक्ष एमटी अब्दुल्ला मुसलियार ने आयोजकों को डांटते हुए लड़की को अपमानित किया।
मुस्लिम विद्वान बोले- लड़की को स्टेज पर क्यों बुलाया
बता दें कि दसवीं कक्ष की छात्रा के अपमान का वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस वीडियो में एमटी अब्दुल्ला मुसलियार यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि आखिर उनकी मौजूदगी में संस्था के नियमों के खिलाफ लड़की को स्टेज पर क्यों बुलाया गया, अगर लड़की को सम्मानित करना था, तो उसके पिता को स्टेज पर बुलाना चाहिए था। वीडियो में आयोजक ने माफी मांगते दिख रहा है। इस घटना के दौरान इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के नेता पनक्कड़ सैयद अब्बास अली शिहाब थंगल भी मंच पर मौजूद थे।
गुनाह बन गया होनहार होना
वहीं, इस घटना की निंदा करते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने ट्वीट कर कहा कि मौलवियों की तरफ से मुस्लिम महिलाओं के दमन का यह एक और उदाहरण है। इस घटना पर राज्य और राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक नेतृत्व की खामोशी निराशाजनक है।
उन्होेंने कहा कि सभी दलों को बेटियों के सम्मान की रक्षा के लिए आगे बढ़कर इस घटना की निंदा करनी चाहिए। उस लड़की का सिर्फ यही कसूर है कि वह होनहार है और मुस्लिम परिवार में पैदा हुई है। जबकि, कुरान और संविधान दोनों ही महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं।
बच्ची का अपमान करने का हक नहीं
इस्लामिक शिक्षा बोर्ड, समस्था की तरफ से केरल में करीब 10 हजार मदरसों का संचालन किया जाता है और इसके उपाध्यक्ष एमटी अब्दुल्ला मुसलियार केरल की राजनीति में अच्छी पकड़ रखते हैं। इसे लेकर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भले ही कोई कितना भी बड़ा आदमी हो, कानून उसपर भी लागू होता है। लोकतंत्र में सिर्फ कानून का राज मायने रखता है। एक व्यक्ति लाखों मदरसे चलाता हो, लेकिन इससे वह एक बच्ची को अपमानित करने का हक हासिल नहीं कर सकता।
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