उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटों के चुनाव (Rajya Sabha Election) के लिए शंखनाद हो गया है। नामांकन का सिलसिला भी जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बताया कि वह राज्यसभा चुनाव में चौथा प्रत्याशी नहीं उतारेंगे।
सपा चीफ अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भर्तियों में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ है। आज युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। बीजेपी लोकतंत्र, सेक्युलरिज्म, सोशलिज़्म को बर्बाद कर रही है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने जावेद अली खान, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को प्रत्याशी बनाया है।
इसके अलावा ने सपा ने कांग्रेस के नेता रहे कपिल सिब्बल को समर्थन दिया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी में भी नामों पर मंथन चल रहा है। राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और शाम 5 बजे से मतगणना होगी।
दरअसल, राज्यसभा में यूपी के कुल 31 सदस्यों में से 11 सदस्यों का कार्यकाल आगामी 4 जुलाई को पूरा हो रहा है। इनमें बीजेपी के जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जयप्रकाश निषाद शामिल हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह और विशंभर प्रशदा निषाद का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है।
Also Read: योगी सरकार की महिला कर्मचारियों को बड़ी सौगात, रात में ड्यूटी से कर सकती हैं इंकार, नहीं जाएगी नौकरी
इन सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो चुकी है और 10 जून को चुनाव होना है। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यी विधानसभा में बीजेपी के 255 और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 273 विधायक हैं। यूपी में राज्यसभा के एक प्रत्याशी को जीतने के लिए कम से कम 34 विधायकों के वोट की जरूरत होती है।
ऐसे में बीजेपी राज्यसभा की 11 सीटों में से 8 पर अपने उम्मीदवारों को आसानी से जीत दिला सकती है। वहीं, सपा और उसके सहयोगी दलों के सदस्यों की संख्या 125 है। ऐसे में वह तीन उम्मीदवारों को राज्यसभा पहुंचा सकती है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )