यूपी के अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) लगातार एक्शन में दिख रहे हैं, कहीं वो एकदम किसी जिले में जाकर अस्पताल का औचक निरीक्षण कर लेते हैं तो कहीं मरीजों से फोन पर बात करके बताई गईं कमियों पर अस्पताल के निरीक्षण का निर्देश दे देते हैं. पाठक ने बीते महीने ‘स्वास्थ्य आपका, संकल्प सरकार का’ अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत वे रोजाना 10 जिलों के 20 मरीजों से फोन पर बात कर रहे हैं. वहीं इस अभियान का असर देखने को मिल रहा है. सोमवार को लखनऊ के एक निजी अस्पताल के बाबत अव्यवस्था की जानकारी पर औचक निरीक्षण के दौरान खामियां पाई जाने पर स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.
जिस अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया गया है उसका नाम न्यू हेरिटेज (New Heritage Hospital Lucknow) है जो कि IIM रोड पर स्थित है. ब्रजेश पाठक को अस्पताल में अव्यवस्थाओं की जानकारी मिली थी. पाठक ने डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह (ACMO Dr AP Singh) को निरीक्षण का निर्देेश दिया, जिस पर एपी सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ बिना कोई देरी किए न्यू हेरिटेज पहुंचकर औचक निरीक्षण किया, जिसमें तमाम तरह की खामियां पाई गईं जिसपर डिप्टी सीएमओ ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया.
अस्पताल में भर्ती मिले 6 मरीज़
एसीएमओ डॉ एपी सिंह ने बताया कि आईआईएम रोड पर न्यू हेरिटेज अस्पताल में छापेमारी में अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिले. बिना किसी डॉक्टर के ही अस्पताल का संचालन हो रहा था. सीरियस पेशेंट को छोडकर अस्पताल में स्टॉफ घूम रहा था. अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी. बायो वेस्ट की धज्जियां उड़ी थी. जिसके बाद, मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा इसके संचालन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया गया है. वहीं, भर्ती मरीजों को अगले 24 घण्टे में डिस्चार्ज करने व बीकेटी सीएचसी के अधीक्षक से समन्वय स्थापित करके भर्ती करने को कहा गया.
निरीक्षण के दौरान मिलीं ये खामियां
- बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण नियमानुसार नही किया जा रहा था.
- कोविड-19 हेल्प डेस्क स्थापित नही था.
- ओटी में दवाइयां, सर्जिकल उपकरण, परिधान का नियमानुसार रखरखाव हेतु infection prevention का अनुपालन नही किया जा रहा है.
- निरीक्षण के समय चिकित्सालय के बेसमेन्ट में आईसीयू का निर्माण कराया जा रहा है, जो नियमानुसार नहीं है.
- ओटी में आक्सीजन पाइन लाइन में आक्सीजन की आपूर्ति नही पायी गयी.
- चिकित्सालय में कुल 06 मरीज भर्ती थे और अधिकतर भर्ती मरीज के बीएचटी पर चिकित्सक के हस्ताक्षर नही थे.
- चिकित्सालय के समस्त चिकित्सक एवं स्टाफ का ड्यूटी चार्ट उपलब्ध नही कराया गया.
- निरीक्षण के समय मात्र ममता नाम की एक पैरामेडिकल कर्मी पायी गयी. जिनके पास जीएनएम, एएनएम आदि कोई भी अर्हता नही पायी गयी.
सोमवार को ब्रजेश पाठक ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, “IIM रोड,लखनऊ पर न्यू हेरिटेज अस्पताल में अव्यवस्थाओं की जानकारी होने पर मेरे आदेश पर ACMO,लखनऊ द्वारा अस्पताल में छापेमारी में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं सहित विभिन्न कमियाँ होने पर अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर अन्य आवश्यक कार्यवाही की जा रही है”.
IIM रोड,लखनऊ पर न्यू हेरिटेज अस्पताल में अव्यवस्थाओं की जानकारी होने पर मेरे आदेश पर ACMO,लखनऊ द्वारा अस्पताल में छापेमारी में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं सहित विभिन्न कमियाँ होने पर अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर अन्य आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।@BJP4UP pic.twitter.com/vJcLK05FaB
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) July 25, 2022
बता दें कि 22 जून को ‘स्वास्थ्य आपका, संकल्प सरकार का’ (Swasthya Apka Sankalp Hamara) अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने की थी. अभियान के तहत वह खुद रोज पांच जिलों के 10 मरीजों से फोन पर बात कर रहे हैं. मरीजों की शिकायत और सुझाव को सुन रहे हैं. यह मरीज अस्पताल में भर्ती व ओपीडी में आने वाले हैं. इसके लिए स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अस्पतालों में भर्ती व ओपीडी मरीजों का रोज ब्यौरा खुद देख रहे हैं. मरीजों की संख्या से लेकर उपलब्ध सेवाओं की समीक्षा कर रहे हैं. इसी कड़ी में वह मरीजों से बात कर रहे हैं. उनकी सेहत व अस्पताल में इलाज के दौरान आने वाली दुश्वारियों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं. ताकि समस्याओं को समय पर दूर किया जा सके.
समय पर ओपीडी में बैठे, नियमित राउंड लें डॉक्टर
करीब 33 दिन में 330 से अधिक मरीजों से उप मुख्यमंत्री ने संवाद किया. इसमें बलिया, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बांदा, कानपुर, लखनऊ, रायबरेली, हापुड, चंदौली, बाराबंकी, मेरठ, बस्ती, गोरखपुर, बलिया, हाथरस, कन्नौज समेत लगभग सभी जिलों में मरीजों से फोन पर बात की। अधिकांश मरीजों ने समुचित निशुल्क इलाज मिलने की बात कही. डॉक्टर-कर्मचारियों के समय पर ओपीडी में बैठने व नियमित राउंड की बात भी मरीजों ने बताई. डॉक्टरों का मरीजों के प्रति व्यवहार भी ठीक मिला.
दवा व पर्चा काउंटर बढ़ाए जाएं
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि करीब आठ ज़िलों से मरीजों ने दवएं मिलने में दिक्कत बताई. मरीजों की कतार लंबी होने से दवा मिलने में देरी की बात सामने आई. मरीजों की भीड़ के मद्देनजर दवा काउंटर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. पैथोलॉजी जांच के काउंटर भी स्थान व संसाधनों की उपलब्धता के हिसाब से बढ़ने के लिए कहा गया है. इसके अलावा पर्चा काउंटर पर मरीजों का दबाव अधिक है. मरीजों की भीड़ के मुकाबले काउंटर की कमी महसूस की गई. लिहाजा काउंटर बढ़ाने के निर्देश सभी अस्पताल के सीएमएच और अधीक्षक को जारी किए गए इमरजेंसी में मरीज भर्ती किए जाएं.
ब्रजेश पाठक ने बताया कि सामुदायिक व प्राथमक स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरत के हिसाब से मरीजों की भर्ती के निर्देश दिए गए हैं. अभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की इमरजेंसी में मरीज तो खूब आ रहे हैं. लेकिन ज्यादातर मरीजों को बड़े अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है. इससे बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ रहा है. बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम करने के लिए सामुदायिक व प्राथमिक अस्पतालों में मरीजों की भर्ती बढ़ाई जाए. इसके लिए जरूरी संसाधन भी बढ़ाए जाएं. इमरजेंसी दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में जुटाई जाएं.
अभियान का बढ़ सकता है दायरा
“स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का” अभियान का दायरा बढ़ेगा. मरीजों की सुविधाओं और स्वस्थ्य व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर राज्य सरकार इस अभियान को विस्तृत रूप देने पर विचार कर रही है. स्वास्थ्य महकमे में इसको लेकर हलचल शुरू हो है. जानकारों के मुताबिक उप मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अभियान के जरिए अधिकतम मरीजों तक पहुंचने कर फीड बैक जानने की कोशिश होगी. सरकार व स्वस्थ्य विभाग की तरफ से मिल रही सुविधाओं और सेवाओं की सच्चाई परखी जाएं. मरीजों की सलाह भी लें. ताकि इस पायलट प्रोजेक्ट का आकार बढ़ाया जा सके. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अभियान के आकार का ब्लू प्रिंट तैयार करने में जुटे हैं.
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