भाजपा द्वारा जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की घोषणा के बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस में भी बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। दोनों दलों में जिला और महानगर कार्यकारिणी में बदलाव किए जाने की चर्चा जोरों पर है। सपा ने अपनी नई सूची को फिलहाल लंबित रखा है, जबकि कांग्रेस स्थानीय स्तर से मांगे गए नामों के पैनल पर मंथन कर रही है। इसके चलते दावेदारों ने लखनऊ और दिल्ली की दौड़ लगानी शुरू कर दी है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नामों की घोषणा हो सकती है।
भाजपा ने संगठन पर्व के दौरान अपने संगठन को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को धार देने का संकेत दिया था। इसके तुरंत बाद ही सपा और कांग्रेस में भी बदलाव की चर्चाएं तेज हो गईं।
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27 के होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कील काटे दुरुस्त करेगी सपा संगठन में बदलाव के जरिये जातीय संतुलन साधने के प्रयाश,सपा के शीर्ष नेताओं के अनुसार, जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष दोनों ही पदों पर फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे। दिसंबर 2024 में इस मुद्दे पर लखनऊ में एक बैठक भी हो चुकी है। पीडीए पंचायतों में व्यवधान न आए, इसके लिए संगठन में बदलाव को कुछ समय के लिए टाल दिया गया था। अब माना जा रहा है कि सपा जल्द ही अपने पत्ते खोल सकती है।
कांग्रेस में भी संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया चालू है। जिलाध्यक्ष पद के लिए 11 और महानगर अध्यक्ष पद के लिए 12 नामों का पैनल पार्टी नेतृत्व को जनवरी के पहले सप्ताह में भेजा गया था। अब कार्यकर्ताओं को नेतृत्व के अंतिम निर्णय का इंतजार है।पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा पैनल में शामिल कार्यकर्ताओं का इंटरव्यू भी हो चुका है। फरवरी में यह पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया गया था, और अब वहीं से नामों की घोषणा होनी है।
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