पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) और उसके बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर कांग्रेस (Congress) लगातार संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है। इस दिशा में कांग्रेस ने शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व वाली एनसीपी से भी संपर्क किया, लेकिन एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने इसे असमय बताया और इसे टाल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान समय सरकार पर सवाल उठाने का नहीं, बल्कि देश की एकजुटता दिखाने का है।
सुप्रिया सुले ने बताया
सुप्रिया सुले ने बताया कि जब कांग्रेस ने उनसे विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा, तब वह विदेश में एक सर्वदलीय डेलीगेशन के साथ यात्रा पर थीं। उन्होंने कांग्रेस को सूचित किया कि यह सही समय नहीं है सरकार पर आरोप लगाने का, और बेहतर होगा कि वे देश लौटकर इस मुद्दे पर चर्चा करें। लेकिन कांग्रेस ने बिना इंतजार किए पत्र भेज दिया।
देश पहले, फिर राज्य और पार्टी: शरद पवार
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पहले ही कह चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पार्टी सरकार के साथ खड़ी रहेगी। सुप्रिया सुले ने कहा, यह राजनीति करने का वक्त नहीं है। यह सुरक्षा का मामला है। देश सर्वोपरि है, उसके बाद राज्य, फिर पार्टी और अंत में परिवार।
विपक्ष ने प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र, सरकार पर उठाए सवाल
कांग्रेस की अगुवाई में 16 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद में विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। इसमें पहलगाम हमले, पुंछ-उरी की घटनाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। विपक्ष का आरोप था कि सरकार ने विदेशी मीडिया को जानकारी दी, लेकिन संसद और जनता को सही वक्त पर नहीं बताया।
विदेशों में भारत को मिला व्यापक समर्थन
सुप्रिया सुले ने बताया कि उन्होंने मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका के दौरे के दौरान इन देशों से भारत के प्रति मजबूत समर्थन और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता देखी। उन्होंने कहा कि ये सभी देश आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े हैं।
संसद के मानसून सत्र में उठेंगे सवाल
सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि जुलाई में संसद के मानसून सत्र के दौरान एनसीपी और पूरा देश सरकार से सवाल जरूर पूछेगा। उन्होंने कहा, अभी हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर दुनिया को यह दिखाना है कि भारत एक है। सही समय आने पर सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा।